भारत में कोविड-19 के मामले पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे. इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे.
पिछले एक महीने में, कोविड-19 से संक्रमित होने वाले, क़ैदियों और जेल स्टाफ की संख्या तेज़ी से बढ़ी है. पिछले सप्ताह, दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर स्वीकृति मांगी थी, कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी क़ैदियों को, टीके लगाने दिए जाएं.
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है और पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
तमिलनाडु में टीकाकरण की संख्या राष्ट्रीय औसत से पीछे चल रही है, क्योंकि वैक्सीन्स को लेकर सूबे में डर फैला हुआ है. सूबा फिलहाल कोविड उछाल की चपेट में है.
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आईसीएमआर के महानिदेशक को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय और उसके आसपास के वातावरण में वायरस के स्वरूपों की जांच कराने का अनुरोध किया है.
अप्रैल में कोविड संक्रमण, अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और मौतों के आंकड़े शीर्ष पर पहुंचने के बीच फैबीफ्लू देश में मल्टीविटामिन ड्रग जिंककोविट की जगह सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन गई है.
देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार बढ़कर 37,36,648 हो गई है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.76 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर 82.15 प्रतिशत है.