लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान एक स्ट्रिंगर की मौत ने यह बात उजागर कर दी कि देश के छोटे शहरों के पत्रकारों को कितना कम पैसा और कितनी कम पहचान मिलती है जबकि, वे तमाम तरह के जोखिम उठाने में पीछे नहीं रहते.
पायल कपाडिया की ‘अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ को कांस में सर्वश्रेष्ठ डॉक्युमेंट्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है. 2017 में उनकी लघु फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’, समारोह में भारत की एक मात्र अधिकारिक एंट्री थी.
उंझा का APMC एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाज़ार है, और इस कारोबार में पटेलों का दबदबा है. सुविधाओं और जल्द भुगतान की वजह से, किसान अपनी उपज यहीं बेंचना पसंद करते हैं.