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Friday, 14 November, 2025
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भारतीय किसान अब मधुमक्खियां किराए पर ले रहे हैं, पर खर्च बढ़ता जा रहा है

मधुमक्खियों की संख्या कम होने की वजह से कई राज्यों के किसान अब इन ज़रूरी पॉलिनेटर्स के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं. वे छत्ते किराए पर ले रहे हैं, हाथों से पॉलिनेशन कर रहे हैं और अपनी खेती के तरीके भी बदल रहे हैं.

‘लेडीज़ प्रॉब्लम पर कैसे बात करें?’ MDU में सैनिटरी पैड की फोटो मांगने के बाद रोहतक में सन्नाटा

छात्रों को यह मामला एक वीडियो क्लिप से पता चला जिसमें कार्यकर्ता और सफाईकर्मी असिस्टेंट रजिस्ट्रार से सवाल कर रहे थे, लेकिन यह संदेश किसी बातचीत की वजह नहीं बना.

भारत में GI टैग की लहर लाने वाला शख्स—नाम है रजनी कांत

वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता रजनी कांत, 2030 तक 10,000 जीआई टैग हासिल करने के मोदी सरकार के मिशन में एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं. यह भारत को फिर से 'सोने की चिड़िया' बनाने का उनका तरीका है.

विदेशी रोज़गार का बदल रहा है नक्शा, भारतीय मज़दूर अब रूस, ग्रीस और जापान में बना रहे नया भविष्य

भारतीय मज़दूर अब दुनिया के नए कोनों में ब्लू-कॉलर जॉब्स की कमी को पूरा कर रहे हैं. सरकारी नीतियां और रिक्रूटर्स का बढ़ता नेटवर्क इसे और आसान बना रहा है.

तोड़ने नहीं खोज करने वाला: वाराणसी के शाही परिवार ने कैसे ‘ब्रिटिश इतिहास’ के खिलाफ लड़ाई लड़ी

एक गलत औपनिवेशिक चित्रण ने बनारस के राजघराने पर 200 साल तक कलंक लगाया. प्रदीप नारायण सिंह ने सारनाथ में अपने पूर्वज जगत सिंह की सही छवि करवाने के लिए 5 साल तक अभिलेखों की छानबीन की.

जानिए, बिहार की जीविका दीदियों ने सरकार से मिले 10,000 रुपये कैसे खर्च किए

जीविका मिशन के 1.25 करोड़ सदस्यों में से एक करोड़ को 10,000 रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है. नालंदा ज़िले के लाभार्थी इस पैसे का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं, यहां पढ़ें.

‘हम भारत बनाते हैं, बिहार कौन बनाएगा?’ —छठ स्पेशल ट्रेन में सवार प्रवासियों की उदासी का सफर

यह बिहार का छठ महापर्व ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार—चुनाव—भी है. यह एक अहम पल है.

कैसे नेशनल म्यूजियम में एक ब्रिटिश शख्स के दौरे ने उपनिवेशवाद पर बहस छेड़ दी

नेशनल म्यूजियम के एक अधिकारी ने कहा कि भले ही भारत की कई कलाकृतियां दूसरे देशों में प्रदर्शित की जाती हैं, लेकिन दुनिया जानती है कि वे वास्तव में किसकी हैं.

सॉफ्ट बनो, ज़्यादा मुस्कुराओ, कभी पहले मैसेज मत करो—पुरुषों की नई दीवानगी है ‘फेमिनिन एनर्जी’

बिना सर्टिफिकेट वाले डेटिंग गुरू महिलाओं को सिखा रहे हैं कि उन्हें संकेतात्मक, रहस्यमयी और कभी फास्ट नहीं होना चाहिए. हमारे जैसी कुछ महिलाओं के लिए ये नाटक करना नामुमकिन है. बेहतर है हम हार मान लें और ब्रह्मा कुमारी बन जाएं.

कहां गया खजाना? वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के तोशखाने पर क्यों हो रहा विवाद

54 साल बाद जब खजाने का कमरा खोला गया, तो सामने आया सिर्फ मामूली सामान, उस विशाल सोने के खजाने की उम्मीद नहीं.

मत-विमत

ज़ोहरान ममदानी की न्यूयॉर्क जीत ने याद दिलाई गुजराती मुस्लिमों की भूली-बिसरी कहानी

मुगल दौर के बंदरगाहों से लेकर डचों से हुए समुद्री युद्धों और बॉम्बे के व्यापारी घरानों तक — गुजराती मुस्लिमों ने कभी हिंद महासागर की दुनिया को आकार दिया था, बहुत पहले, जब उनके एक वंशज ने न्यूयॉर्क जीता.

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राजनीति

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जनजातीय गौरव दिवस पर मध्यप्रदेश की जेलों से अच्छे आचरण वाले 32 कैदी रिहा होंगे

भोपाल, 14 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अच्छे आचरण के लिए 32 कैदियों को रिहा करेगी...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.