शिमला के संजौली इलाके में एक मस्जिद के विस्तार को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन तेज़ी से दूसरे जिलों में भी फैल गया और अब तक करीब आधा दर्जन मस्जिदें निशाने पर हैं.
स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित करने से लेकर वीरगाथा प्रोजेक्ट को पूरा करने, छात्रों को खाता खोलने के लिए प्रेरित करने तक, स्कूल के टीचर्स नॉन-टीचिंग कार्यों में बहुत समय बिता रहे हैं.
सरकारी बैंक के कर्मचारी म्यूचुअल फंड, बीमा बेचते हैं और कभी लॉग आउट नहीं करते. उनके पास मुश्किल टारगेट और ‘हर महीने बेस्ट परफॉर्मेंस’ के प्राइज़ का स्ट्रेस भी है.
बिहार के सिविल इंजीनियर और सर्वेक्षक 2025 की भूमि सर्वेक्षण की समय-सीमा के पहले काम को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा अनिवार्य कैथी क्रैश कोर्स कर रहे हैं. ‘इसे सीखे बिना काम नहीं हो सकता.’
मुजफ्फरनगर के अतुल कुमार को आईआईटी धनबाद में दाखिले के लिए झारखंड और मद्रास हाई कोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट से भी गुजरना पड़ा क्योंकि वे 17,500 रुपये की फीस भरने की समय सीमा पूरी होने से महज़ कुछ सेकंड से चूक गए थे.
छात्रों ने मीडिया से बात की, लेकिन छाते के पीछे छिपकर. वह मुश्किल स्थिति में हैं — कॉलेज अधिकारियों के गुस्से से बचते हुए सरकार के सामने अपनी चिंताएं व्यक्त करने की कोशिश कर रहे हैं.
राजस्थान के 17 नए जिलों के गठन के एक साल बाद, वो भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक युद्ध का मैदान बन गए हैं, लेकिन रिव्यू पैनल की रिपोर्ट पर कार्रवाई अभी भी लंबित है.
चुनाव के समय भाजपा ‘औरंगज़ेब’, ‘पाकिस्तान’ और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों को मशीन की तरह सटीकता से पेश करती है, लेकिन पश्चिम बंगाल की तरह महाराष्ट्र में भी यह कारगर नहीं होगा.