scorecardresearch
Thursday, 19 September, 2024
होमफीचर

फीचर

डगमगाते संस्थान, सिकुड़ती आलोचना, जोखिम न लेना: कैसे बदल रही है हिंदी साहित्य की दुनिया

हिंदी साहित्य में प्रेमचंद, निराला और निर्मल वर्मा जैसे महान लेखकों का बोलबाला है. ओमप्रकाश वाल्मीकि और तुलसीराम जैसी दलित-बहुजन आवाज़ों ने यथास्थिति को हिलाकर रख दिया, लेकिन अभी भी एक नए सिद्धांत की कमी है.

दिल्ली के उर्दू बाज़ार की रौनक हुई फीकी; यहां मंटो और ग़ालिब नहीं, बल्कि मुगलई बिकता है

1970 के दशक में उर्दू बाज़ार में 50 से ज़्यादा किताबों की दुकानें थीं, लेकिन अब सिर्फ 5 ही बची हैं. बाज़ार अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. यह उर्दू प्रिंटिंग, प्रकाशन और कविताओं के युग का आखिरी दौर है.

तड़के 4 बजे रिपोर्टिंग, इंतज़ार, कोई डॉक्टर नहीं — झारखंड SSC एस्पिरेंट्स ने मौत से पहले क्या झेला

पीड़ितों के परिवारों का आरोप है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से किसी ने भी उन्हें मौत के बारे में जानकारी नहीं दी.

‘दुख है कि हमने अपने भाई को मार डाला’ — फरीदाबाद के गौरक्षक को ब्राह्मण की हत्या का ‘अफसोस’

फरीदाबाद में गौरक्षकों द्वारा मारे गए 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा के पिता ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर अवैधता बंद होनी चाहिए. आरोपी अनिल कौशिक से मिलने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं इसका समर्थन नहीं करता’.

‘हरियाणा के लोग दिल्ली से अच्छे’ — गोमांस खाने के शक में राज्य में मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

हरियाणा के हंसवास खुर्द गांव में गोमांस खाने के आरोप में भीड़ द्वारा 25-वर्षीय युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के बाद साथी प्रवासी मज़दूरों ने असम और बंगाल लौटने का फैसला किया है. ‘पुलिस हमें यहां कब तक बचा सकती है?’

लर्निंग हुई और मज़ेदार — गाजियाबाद की आंगनवाड़ी को मिला डिजिटल बोर्ड

गाजियाबाद के मोरटी गांव में माता-पिता से लेकर स्टूडेंट्स तक — आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 1 और 2 पर लगे डिजिटल बोर्ड के बारे में अधिक जानना चाहते हैं जो उनसे बातें करता है.

रोहतक में इन्फ्लुएंसर मेडिकल स्टूडेंट का कैसे टूटा सपना, सोशल मीडिया पर पोस्ट की पूरी दास्तां

छात्रा ने दावा किया कि 33-वर्षीय कौशिक 7 महीने से अधिक समय से उनका पीछा कर रहा था और उन्हें परेशान कर रहा था. उसका फैकल्टी और महिलाओं के साथ झगड़ा करने का इतिहास रहा है और उसे कई बार अनुशासनात्मक चेतावनी भी मिली थी.

क्या GI टैग कारोबार बढ़ाने के लिए काफी? मैसूर सिल्क, जर्दालू आम को फायदा, लेकिन कन्नौज का इत्र संघर्षरत

कर्नाटक में जीआई टैग ने मैसूर सिल्क की मांग इतनी बढ़ा दी है कि आपूर्ति नहीं हो पा रही है और बिहार से जर्दालू आम का पहली बार 2021 में निर्यात किया गया, लेकिन ऐसी स्थिति सभी उत्पादों की नहीं है.

‘अस्पतालों पर भरोसा नहीं’, मलेरिया, डेंगू से ज़्यादा सांप के काटने से होती है भारतीयों की मौत

भारत में सांप के काटने को ज़्यादातर ग्रामीण, गरीब लोगों की समस्या मानकर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है. हालांकि, आंकड़ा चौंका देने वाला है, लेकिन कहानी पौराणिक कथाओं, अंधविश्वास और सार्वजनिक स्वास्थ्य के खस्ताहाल ढांचे में लिपटी है.

अंदरूनी कलह, सुधारों की मांग और UCC — कभी शक्तिशाली रहा AIMPLB अब संकटों से घिरा

समान नागरिक संहिता ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लिए अस्तित्व की लड़ाई है. ‘अगर यह देश में लागू होता है, तो बोर्ड खत्म हो जाएगा’.

मत-विमत

वीडियो

राजनीति

देश

पश्चिम बंगाल के सरकारी अधिकारियों और आंदोलनकारी चिकित्सकों के बीच बैठक समाप्त

कोलकाता, 18 सितंबर (भाषा) कोलकाता के आरजी कर अस्पताल मुद्दे पर उत्पन्न गतिरोध को हल करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार और आंदोलनकारी...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.