एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि लेफ़्ट के छात्रों ने हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की हाई पावर कमेटी के साथ बैठक कर फ़ीस वृद्धि को पूरी तरह से रोलबैक करने के मामले में समझौता किया है.
आईआईटी, आईआईएम और आईआईएसईआर फैकल्टी की हायरिंग में आरक्षण के मानदंडों का पालन नहीं करते थे. सरकार ने अब सभी शिक्षण पदों पर कोटा लागू करना अनिवार्य कर दिया है.
शिक्षा मंत्रालय की 'हाई पावर कमेटी और जेएनयू छात्रों की बैठक से मिली जानकारी में विरोधाभासी जानकारी सामने आ रही है. दोनों की अगली मुलाकात शुक्रवार को होनी है.
हालांकि, जेएनयू ईसी ने हॉस्टल फ़ीस घटा दी है, लेकिन अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों से तुलना करें तो बढ़ी फ़ीस के बाद जेएनयू में रहना-खाना सबसे महंगा होगा.
नई शिक्षा नीति के नवीनतम दस्तावेज के अनुसार लिबरल आर्ट्स की उच्च शिक्षा के लिए प्रस्तावित इन विश्वविद्यालयों को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (मेरू) कहा जाएगा.
यूनिवर्सिटी प्रशासन और हाल में चुने गए छात्र संघ के बीच लगातार चल रहे विवाद में ये नया मोड़ सामने आया है. विवाद जेएनयूएसयू के चुनाव के बाद शुरू हुआ था.
एनसीईआरटी की इस नई गाइडलाइन में सलाह दी गई है कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों का मूल्यांकन उनके प्रोग्रेस के आधार पर किया जाना चाहिए न कि 'पास' और 'फेल' के आधार पर.
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन इस विवाद से बच जाएंगे क्योंकि यह भारत है, जहां हमारा रवैया है 'चलता-है.' पश्चिम में, उन्हें माफी मांगने या इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता.