पहले विद्यालयों को 21 सितंबर से स्वैच्छिक आधार पर नौवीं से बारहवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुलाने की अनुमति दी गयी थी लेकिन दिल्ली सरकार ने उसके विरूद्ध निर्णय लिया.
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को फॉलोअप देने का निर्देश दिया कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बीच एससी, एसटी और ओबीसी के लिए बड़ी संख्या में कितने पद रिक्त हैं.
डीयू की पहली कट-ऑफ सूची पिछले शनिवार को जारी की गई थी, और इसके बाद से कॉलेजों में आवेदनों का अंबार लग गया है जैसा केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक ट्रेंड रहा है.
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से डीयू अधिनियम की धारा 5(2) में संशोधन करने का अनुरोध किया है, ताकि शहर में और कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित किए जा सकें.
मुंबई, छह मार्च (भाषा) शिवसेना विधायक महेंद्र थोरवे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद सुनील तटकरे को मुगल बादशाह औरंगजेब करार देते हुए...