scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमएजुकेशनआईबी बोर्ड ने इस साल असेसमेंट के लिए ड्यूल-मोड अपनाया, जहां संभव हो वहीं लिखित परीक्षा होगी

आईबी बोर्ड ने इस साल असेसमेंट के लिए ड्यूल-मोड अपनाया, जहां संभव हो वहीं लिखित परीक्षा होगी

भारत में 185 स्कूल इंटरनेशनल बैकलॉरिएट से संबद्ध हैं. पिछले साल, इस बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था. इस बार यह एक अलग रुख अपना रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के बीच इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) ने मई 2021 में किए जाने वाले असेसमेंट के लिए ‘ड्यूल-रूट’ का विकल्प अपनाने का फैसला किया है.

आईबी के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि इसका सीधा मतलब है लिखित परीक्षाएं सिर्फ वहीं पर कराई जाएंगी, जहां इन्हें सुरक्षित रूप से कराया जाना संभव होगा. और जहां पर इनका आयोजन संभव नहीं होगा, वहां इंटरनल असेसमेंट और शिक्षकों की तरफ से अनुमानित ग्रेड का वैकल्पिक रास्ता अपनाया जाएगा.

आईबी एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी एजुकेशन फाउंडेशन है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु समेत भारत के कई शहरों के 185 स्कूल संबद्ध हैं.

पिछले साल, बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा रद्द करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उन्हें प्रोन्नत करने का फैसला किया था.

हालांकि, इस बार बोर्ड दुनियाभर में अलग दृष्टिकोण अपना रहा है, जिसके बारे में इसका दावा है कि ये फैसला स्कूलों के साथ परामर्श और कोविड की स्थिति बिगड़ने को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

आईबी की एक प्रवक्ता ने दिप्रिंट को बताया, ‘4 फरवरी को आईबी ने मई 2021 में असेसमेंट के लिए ड्यूल-रूट अपनाने की घोषणा की थी. सभी आईबी स्कूलों में एक सर्वेक्षण कराने के अलावा दुनियाभर में आईबी कम्युनिटी के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया गया था.’

उन्होंने कहा, ‘आईबी यह निर्धारित करने के लिए स्कूलों के साथ मिलकर काम कर रहा है कि उनके क्षेत्र के लिए दोनों में कौन-सा रास्ता बेहतर रहेगा, कहां सुरक्षित तरीके से लिखित परीक्षाएं कराई जा सकती हैं और कहां ये संभव न होने पर आंतरिक मूल्यांकन और शिक्षकों की तरफ से अनुमानित ग्रेड को मिलाकर एक वैकल्पिक रास्ता अपनाया जा सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘ग्रेड देते समय इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा कि पढ़ाई किस तरह बाधित रही है. उन्होंने कहा, ‘दोनों ही तरीकों के लिए उपयुक्त सीमाएं निर्धारित की जाएंगी, दुनियाभर में पढ़ाने और सीखने में आई बाधाओ को देखते हुए उदार रुख अपनाना और यह भी देखना कि अन्य क्वालिफिकेशन में बड़े पैमाने में ग्रेड कैसे दिए जाने की संभावना है.’


यह भी पढ़ें: भाषाई मैपिंग, दो-भाषा पद्धति- मातृभाषा में पढ़ाई शुरू कराने की कैसे योजना बना रही है सरकार


‘उदारता बरतने के दिशा-निर्देश’

बोर्ड अपने शिक्षकों से इस वर्ष के लिए ग्रेड प्रदान करते समय इस तथ्य को ध्यान में रखने के लिए भी कह रहा है कि मई 2020 में अनुमानित ग्रेड महामारी के मद्देनजर पिछले वर्षों की तुलना में अधिक थे.

आईबी बोर्ड शिक्षकों को एक अलग ग्रेड सिस्टम अपनाने का अनुरोध करने का विकल्प भी दे रहा है, जहां उन्हें लगता है कि उनके अनुमानित ग्रेड छात्रों के प्रदर्शन के अनुरूप नहीं है.

आईबी प्रवक्ता ने कहा, ‘मई 2020 में अनुमान के आधार पर दिए गए ग्रेड पिछले वर्षों की तुलना में अधिक थे, इसी रुख को दर्शाते हुए आईबी उदारता बरतने के दिशानिर्देश जारी करने की सिफारिश करेगा जिसके तहत ही शिक्षकों को अपना आकलन पेश करने के लिए कहा जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘जहां शिक्षकों को लगता है कि ये अनुमानित ग्रेड छात्र के प्रदर्शन के अनुरूप नहीं हैं, उनके लिए आईबी एक ऐसी प्रक्रिया तैयार कर रहा है जिसमें स्कूल ग्रेड देने के लिए अलग तरीका अपनाने का अनुरोध कर सकते हैं और इसमें उनके दावों का समर्थन करने वाले साक्ष्य पेश किए जाने की अनुमति होगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: दूसरा सेमेस्टर शुरू होते ही छात्र चाहते हैं कि कॉलेज खुलें लेकिन विशेषज्ञों ने कोविड क्लस्टर पर चेताया


 

share & View comments