एलओसी पर मौजूदा संघर्ष विराम इस साल 25 फरवरी को शुरू हुआ था और इससे सीमा के नजदीक रहने वाले ग्रामीणों और वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को काफी राहत मिली है.
अक्तूबर 1992 में कर्नल इवान जोज़फ क्रैस्टो (रिटा) ने, जो उस समय भारतीय सेना में मेजर थे- अपने साथियों और भारतीय वायुसेना के कुछ टॉप हेलिकॉप्टर्स के साथ मिलकर उस ख़तरनाक अभियान को अंजाम दिया था, जिसमें चंडीगढ़ से करीब 35 किलोमीटर दूर परवानू में फंसे हुए यात्रियों को बचाया गया था.
एमएच-60आर हेलीकॉप्टर सभी मौसमों में काम करने वाला हेलीकॉप्टर है जिसे विमानन की नयी प्रौद्योगिकियों के साथ कई मिशनों में सहयोग देने के लिए डिजाइन किया गया है.
वैसे देखा जाए तो जम्मू में ड्रोन हमला बहुत महंगा नहीं साबित हुआ है लेकिन इसने अंतत: भारत को इस तरह के खतरों से निपटने के लिए बहुत सारा धन खर्च करने को बाध्य कर दिया है.
सेना का कहना है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख़ में, मौजूदा मसलों के समाधान के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं, जबकि एलएसी के साथ संबंधित इलाक़ों में नियमित गश्त बरक़रार है.
ऐसा माना जाता है कि एक ही दिन में दो अलग- अलग हमलों की योजना बनाई गई थी. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि दोनों मानव रहित हवाई विमान आए कहां से थे.
सेना जिसे खरीदना चाहती है उसमें 'सॉफ्ट किल' का विकल्प होगा, जिसका अर्थ है कि वे दुश्मन ड्रोन के कम्युनिकेशन और नेवीगेशन सिग्नल को जैम करने में सक्षम होंगे.
ड्रोन द्वारा गिराए गए आईईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि इसमें आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था, और दोनों उपकरणों में लगभग 1.5-2 किलोग्राम विस्फोटक थे.
अगर कोई सरकार जानती है कि अमीरों को कैसे एकजुट किया जाए और उसने यह पता लगा लिया है कि सीधे पैसे भेजने से गरीबों के वोट कैसे जीते जाएं, तो उसे मध्यम वर्ग की कोई ज़रूरत नहीं है.