सेना प्रमुख ने कहा कि देश चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. महामारी के दौरान पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर अस्थिरता बढ़ गयी और इन चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय सेना और मजबूत हुई है.
पूर्वी लद्दाख में गोगरा टकराव बिंदु पर करीब 15 महीनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
भारतीय सेना और पीएलए की तरफ से सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता ने ‘आपसी समझ और बढ़ाई है’ और इसमें बातचीत को इसी गति से आगे बढ़ाने का फैसला किया गया.
विजय कुमार, राजेश डब्ल्यू. अधाऊ और वी.वी. शर्मा को वीरता के लिए सेना पदक मिला था. इन्होंने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना अग्रिम मोर्चे पर घायलों का इलाज कर भारतीय हताहतों की संख्या घटाने में अहम भूमिका निभाई थी.
ऑर्डिनेंस फैक्टरियों को निगमित करने के मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ इसके कर्मचारी संघों की तरफ से 26 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल संभवत: यह विधेयक पेश किए जाने की एक बड़ी वजह रही है.
मौजूदा विशेष वित्तीय शक्तियों के अलावा आपातकालीन खरीद अधिकारों ने सेना को एलओसी और एलएसी पर तैनात इन्फैंटरी जवानों को तकनीकी तौर पर अपग्रेड करने में काफी मदद की है.
एलओसी पर मौजूदा संघर्ष विराम इस साल 25 फरवरी को शुरू हुआ था और इससे सीमा के नजदीक रहने वाले ग्रामीणों और वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों को काफी राहत मिली है.
अक्तूबर 1992 में कर्नल इवान जोज़फ क्रैस्टो (रिटा) ने, जो उस समय भारतीय सेना में मेजर थे- अपने साथियों और भारतीय वायुसेना के कुछ टॉप हेलिकॉप्टर्स के साथ मिलकर उस ख़तरनाक अभियान को अंजाम दिया था, जिसमें चंडीगढ़ से करीब 35 किलोमीटर दूर परवानू में फंसे हुए यात्रियों को बचाया गया था.
‘एक देश, एक चुनाव’ से लेकर परिसीमन और केजरीवाल के राजनीतिक खात्मे की योजना तक, मोदी-शाह के पास 2029 के चुनाव के लिए कईं एजेंडा है, लेकिन बहुत कुछ 2024 के चुनावों में भाजपा की संख्या पर निर्भर करेगा.