नोएडा के जितेंद्र यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश के विवेक तिवारी की तरह ही पुलिस ने मुझे भी गोली मारी जिससे मेरे शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया.
कमज़ोर शासन, भ्रष्टाचार और गरीबी भारत में आदिवासी जीवन की पहचान बने हुए हैं. इंडस्ट्रियल और माइनिंग प्रोजेक्ट्स शुरू होने से आदिवासियों के मुकाबले ठेकेदारों, नेताओं और अधिकारियों को ज़्यादा फायदा हुआ है.