कवियों को मिलने वाले पारिश्रमिक की शुरुआत करने का श्रेय बच्चन को ही जाता है. उनका तर्क था कि जब हर किसी को मेहनताना मिलता है, तो कवि इससे पीछे क्यों रहे.
जो लोग ऑफिस में महिला मुद्दों पर लिबरल रहते हैं, वही लोग लड़कों के ग्रुप में लूज टॉक करते पाए जाते हैं. इनमें लड़कों के अलावा लड़कियां भी शामिल हो सकती हैं.
कमलेश्वर ने हिंदी साहित्य में रचनात्मकता लाने के लिए 'नई कहानी' जैसा आंदोलन चलाया और 1972 में उसी हिंदी साहित्य के पतन को देखते हुए समांतर कहानी आंदोलन की शुरुआत भी की.
यह समझ से परे है कि भाजपा जब भारत की सबसे मज़बूत पार्टी की स्थिति में है, तब वह जाति जनगणना जैसे विघटनकारी कदम को क्यों उठाए. अगर राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता ऐसी विघटनकारी राजनीति करते हैं, तो बात समझ में आती है. वे भाजपा के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ने के लिए बेताब हैं, लेकिन भाजपा क्यों?
हैदराबाद, नौ मई (भाषा) तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में शुक्रवार को पुलिस के समक्ष पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी)...