गांधी जी ने 13 जनवरी, 1948 को अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनके साथ बिड़ला हाउस में ‘द स्टेट्समैन’ के पूर्व संपादक आर्थर मूर और हजारों अन्य लोग अनशन पर बैठ गए, जिसमें हिंदुओं और सिखों की एक बड़ी तदाद थी और उनमें से कई तो पाकिस्तान से आये शरणार्थी थे.
बच्चों को यह भी बताया जाता है कि सड़क पर यदि दुर्घटना हो जाए तो एक नागरिक के तौर पर हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए और ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए.
करीब तीन हजार की आबादी के इस गांव में अधिकतर बौद्ध समुदाय के परिवार हैं. इनमें से ज्यादातर छोटे किसान और मजदूर हैं. वर्ष 1935 में स्थापित इस गांव के स्कूल में कुल 91 बच्चे हैं.
छपाक उस मजबूत महिला की कहानी है जिसे जीवन में जो वो चाहती है वो भले ही न मिलो हो, पर वो उस पाने के इर्द गिर्द एक रास्ता ज़रूर ढूंढ लेती है. ये फिल्म आपकी अंतरात्मा को झकझोर कर रख देगी.
मेरठ से उम्मीदवार अरुण गोविल ने संविधान में ‘परिवर्तन’ पर अपनी टिप्पणियों के लिए विपक्ष को उकसाया है. ऐसा करने पर वे लल्लू सिंह, अनंतकुमार हेगड़े और ज्योति मिर्धा की सूची में शामिल हो गए.