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Sunday, 2 February, 2025
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समाज-संस्कृति

प्रेमचंद का साहित्य और सत्यजीत रे का सिनेमा: शब्दों से उभरी सांकेतिकता का फिल्मांकन

साहित्य और सिनेमा का जो रिश्ता जुड़ा, उस पर गहराई से नज़र डाली जाए तो ये चर्चा फिल्मकार सत्यजीत रे और साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के बिना अधूरी जान पड़ती है.

‘मैं बंबई का बाबू, नाम मेरा अंजाना’- भारतीय सिनेमा में कॉमेडी को शक्लो-सूरत देने वाले जॉनी वॉकर

जॉनी वॉकर जिस अंदाज में अपने चेहरे को घुमाते, नज़रें तिरछी करते, भौंहे सिकुड़ाते, नाक से निकली आवाज के दम पर डॉयलग डिलीवरी करते- कॉमेडी की दुनिया में ये अनोखी बात थी.

आनंद बख्शी : तकदीर से ज्यादा तदबीर पर भरोसा करने वाला गीतकार

बख्शी साहब के गानों में एक दर्शन भी है. जो 'पिया का घर' फिल्म के इस गाने में बखूबी झलकता है- ये जीवन है, इस जीवन का यही है, यही है, यही है रंग-रूप...थोड़े गम हैं, थोड़ी खुशियां, यही है, यही है छांव-धूप .

मौसिकी की दुनिया की सबसे मखमली आवाज़ थीं गीता दत्त

हिन्दी गीतों के क्रॉफ्ट में जो मधुरता, दर्द, चुलबुलेपन का पुट गीता दत्त लाईं, अगर वो न होतीं तो अच्छे गानों से हम महदूद हो जाते. लेकिन तकदीर ने गीता दत्त का साथ नहीं दिया और उनकी तदबीरें भी काम नहीं आईं.

‘होरी की धनिया चली गई’- कैरेक्टर एक्टिंग को एक अलग मुकाम देने वाली सुरेखा सीकरी

तमस, मम्मो और बधाई हो के लिए सुरेखा सीकरी को तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. 1989 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड भी मिला.

बालिका वधू की ‘दादी सा’ सुरेखा सीकरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन, 3 बार जीत चुकी थीं नेशनल अवार्ड

सीकरी ने ‘तमस’, ‘मम्मो’, ‘सलीम लंगड़े पे मत रो’, ‘ज़ुबेदा’, ‘बधाई हो’ जैसी फिल्में की हैं और धारावाहिक ‘बालिका वधू’ में निभाए उनके ‘दादी सा’ के किरदार को भी काफी लोक्रपियता मिली थी.

‘सब कुछ है, पर कुछ भी नहीं रहा’- सिनेमाई पर्दे पर जीवन की पूरी ट्रेजेडी उतार देने वाले गुरु दत्त

अभिनेता और फिल्मकार गुरु दत्त का सफर अलग रास्तों से गुजरता है, बावजूद इसके रे और दत्त का सिनेमा कई मायनों में एक सी धरातल पर जान पड़ता है.

दिलीप कुमार के निधन पर बड़े नेताओं ने जताया शोक, मनमोहन ने कहा- दिलों-दिमाग पर करते रहेंगे राज

सोनिया ने उनकी पत्नी शायरा बानो को लिखे पत्र में कहा, ‘आपके पति श्री दिलीप कुमार के निधन से भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग का अंत हो गया. वह आजीवन किंवदंती रहे और भविष्य में भी रहेंगे. आने वाली पीढ़ियां भी उनकी फिल्में देखेंगी.’

मुंशी प्रेमचंद की जीवनी ‘कलम का सिपाही’: बाल-विधवा कन्या की शादी की अनोखी कहानी

मुंशी प्रेमचंद की जीवनी को उनके पुत्र और लेखक अमृत राय ने लिखा है. उन्होंने लिखा है कि अपने समय को खुली आंखों देखने और निर्भय होकर अपनी राय रखने वाले प्रेमचंद इस जीवनी में हर कोण से प्रकाशित हैं.

दिलीप कुमार को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, पत्नी सायरा बानो की मौजूदगी में किया गया सुपुर्दे खाक

सांताक्रूज के जुहू कब्रिस्तान में दिलीप कुमार को अंतिम विदाई दिए जाने के समय तोप से सलामी दी गयी जिसके बाद उनके सम्मान में पुलिस बैंड बजाया गया.

मत-विमत

मोदी 3.0 के बजट से जुड़ी है समाजवादी पहचान की सुर्खी और उसके नीचे दबी है परमाणु संधि की आहट

इस बजट की सुर्खी बनने लायक एकमात्र बात मिडिल-क्लास को इनकम टैक्स में दी गई राहत है और सबसे साहसिक और सकारात्मक पहलू है परमाणु ऊर्जा एक्ट और ‘सिविल लायबिलिटी ऑन न्यूक्लियर डैमेज एक्ट’ में संशोधन का इरादा.

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राजनीति

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बलात्कार और हत्या के मामले में वांछित आरोपी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

मुजफ्फर नगर (उप्र), दो फरवरी (भाषा) मुजफ्फरनगर जिले में एक महिला की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के सिलसिले में वांछित एक व्यक्ति...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.