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Tuesday, 26 March, 2024
होमदेशपूर्व सांसद और रामायण में रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का निधन

पूर्व सांसद और रामायण में रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का निधन

रामानंद सागर निर्देशित रामायण भारत के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है. इस पौराणिक कार्यक्रम में रावण के किरदार में अरविंद त्रिवेदी की भूमिका को काफी सराहा गया.

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नई दिल्ली: दूरदर्शन पर 1980 के दशक में प्रसारित होने वाले बहुचर्चित पौराणिक कार्यक्रम रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार को निधन हो गया. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे.

रामानंद सागर निर्देशित रामायण भारत के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है. इस पौराणिक कार्यक्रम में रावण के किरदार में अरविंद त्रिवेदी की भूमिका को काफी सराहा गया.

रामायण में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी ने बुधवार सुबह ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘बहुत दुखद समाचार है कि हमारे सबके प्यारे अरविंद भाई अब हमारे बीच नहीं रहे. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे.’

रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने ट्वीट कर कहा, ‘आध्यात्मिक रूप से रामावतार का कारण और सांसारिक रूप से एक बहुत ही नेक, धार्मिक, सरल स्वभावी इंसान और मेरे अतिप्रिय मित्र अरविंद त्रिवेदी जी को आज मानव समाज ने खो दिया. नि:संदेह वे सीधे परमधाम जाएंगे और भगवान श्रीराम का सानिध्य पाएंगे.’

त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम थे और उन्होंने रामायण के अलावा धारावाहिक विक्रम और बैताल में भी भूमिका निभाई थी.

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कोविड के कारण 2020 में लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में दूरदर्शन ने रामायण का एक बार फिर से प्रसारण किया था और उस बीच ये सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कार्यक्रमों में से एक बन गया था.

त्रिवेदी के रावण के किरदार की काफी सराहना होती है. उनकी भारी आवाज ने संवाद को बुलंद और जीवंत किया है.

एक रिपोर्ट के अनुसार इसी साल मई महीने में त्रिवेदी की मौत को लेकर अफवाह भी फैलाई गई थी लेकिन बाद में इसे खारिज कर दिया गया.

त्रिवेदी का जन्म 8 नवंबर 1938 को इंदौर में हुआ था. उन्होंने 300 से भी ज्यादा हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया है. 2002 में उन्हें सीबीएफसी का कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया था.

1980 के दशक के आखिरी के सालों में प्रसारित हुए रामायण को अपार लोकप्रियता हासिल हुई थी. 1991 में इसी लोकप्रियता के सहारे भाजपा ने त्रिवेदी को लोकसभा का चुनाव लड़वाया और उन्हें जीत मिली थी.

गुजराती सिनेमा में उनके योगदान के लिए गुजरात सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया है.


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