scorecardresearch
Sunday, 2 February, 2025
होमसमाज-संस्कृति

समाज-संस्कृति

पूर्व सांसद और रामायण में रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का निधन

रामानंद सागर निर्देशित रामायण भारत के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है. इस पौराणिक कार्यक्रम में रावण के किरदार में अरविंद त्रिवेदी की भूमिका को काफी सराहा गया.

‘अन सोशल नेटवर्क’: क्यों सोशल मीडिया को अब संदेह भरी निगाहों से देखा जाने लगा है

सोशल मीडिया जिन आकांक्षाओं, उम्मीदों, संवाद को विस्तार और उसे अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लक्ष्य से हमारे बीच आया अब वही नज़रिया एकदम बदलता नज़र आ रहा है.  

आजादी के बाद 7 दशकों में डाक टिकट पर कैसे नज़र आए बापू

अस्सी के दशक तक गांधी की डाक यात्रा में कस्तूरबा के अलावा जवाहरलाल नेहरू ही दिखे. लेकिन 2015 से गांधी की लम्बी डाक यात्रा में एक नया अध्याय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत अभियान को जोड़ा गया.

सरोद वादक अमजद अली खान बोले, मेरा ‘पहला प्यार तबला’ था

खान ने कहा, सुर और ताल की अपनी दुनिया है. स्वाभाविक रूप से लोग सुर की दुनिया में अधिक व्यस्त हैं. भगवान का शुक्र है कि मैं ताल की दुनिया में रहता हूं क्योंकि ताल के माध्यम से मैं हेरफेर नहीं कर सकता.

हिंदी की पहली संपूर्ण महाभारत पर कितनी है ओड़िया महाभारत की छाप

रामचरितमानस की रचना के करीब सौ बर्ष बाद सबल सिंह ने लगभग चौबीस हज़ार दोहों और चौपाइयों में महाभारत की संपूर्ण कथा को प्रस्तुत किया.

‘नोटबंदी, 370, लॉकडाउन,’ नरेंद्र मोदी की विशेषता है कि वो विषम परिस्थितियों को अपने लिए अवसर में बदल लेते हैं

'भारत के प्रधानमंत्री देश, दशा, दिशा' में लेखक रशीद किदवई लिखते हैं कि तीन तलाक हो या फिर दुनिया भर में योग को मान सम्मान दिलाने की बात, मोदी ने ये बखूबी की है. इस्लामिक देशों के साथ भारत के सम्बन्ध भी मजबूत हुए हैं.

जावेद अख्तर ने किया अपना बचाव, बोले-उदारवादी होना भारतीयों के DNA में है

जावेद अख्तर ने अपने पिछले दिए इन्टरव्यू का बचाव किया जिसमें उन्होंने तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच तुलना की थी. उन्होंने कहा कि हिंदू दुनिया में सबसे सभ्य और सहिष्णु लोग हैं.

गुलज़ार- एक ऐसा तिलिस्म जो हमारे समय का फिक्र और फख्र दोनों हैं

गुलज़ार साहब के डायरेक्टोरियल डेब्यू 'मेरे अपने ' के रिलीज की आज 50वीं सालगिरह है. गुलज़ार के असर से अप्रभावित रहना मुमकिन ही नहीं है, यह असर उन्होंने निर्देशक के रूप में भी छोड़ा है.

जिंदादिल संगीत रचने वाले सलिल चौधरी जिनकी धुनों का असर आज भी है

सलिल चौधरी का संगीत रूह तक उतर जाने वाला है. इसमें ठहराव है, मस्ती है, चुलबुलापन है और नई-नई अलबेली धुनें हैं.

हरियाणा में मिले 1 लाख साल पुराने सभ्यता के अवशेष, भारतीय संगीत के इतिहास पर भी फिर से विचार की जरूरत

वेदों में वर्णित संगीत और वर्तमान संगीत में हुए विकास को अपनाया जा रहा है तो प्रस्तर युगीन मानव के संगीत के लुप्त हो जाने और उसके परिवर्तित एवं विकसित रूप को ग्रहण करने में आपत्ति क्यों?

मत-विमत

मोदी 3.0 के बजट से जुड़ी है समाजवादी पहचान की सुर्खी और उसके नीचे दबी है परमाणु संधि की आहट

इस बजट की सुर्खी बनने लायक एकमात्र बात मिडिल-क्लास को इनकम टैक्स में दी गई राहत है और सबसे साहसिक और सकारात्मक पहलू है परमाणु ऊर्जा एक्ट और ‘सिविल लायबिलिटी ऑन न्यूक्लियर डैमेज एक्ट’ में संशोधन का इरादा.

वीडियो

राजनीति

देश

कर कटौती के बाद 90 प्रतिशत से अधिक आयकरदाता अपना सकते हैं नई कर व्यवस्थाः सीबीडीटी चेयरमैन

(नीलाभ श्रीवास्तव) नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने रविवार को कहा कि 12 लाख...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.