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Friday, 26 September, 2025
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समाज-संस्कृति

कलाम से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बनने का सफर, नन्हे कलाम ने पंक्षी से कैसे सीखा उड़ान का सबक

शिक्षक का पीरियड समाप्त हुआ तो उन्होंने पूछा, ‘क्या तुम लोग उड़ान के बारे में समझ गए?’

संसाधनों की भव्य बर्बादी है रणबीर कपूर की ‘शमशेरा’

इतिहास में कल्पनाओं का छौंक लगा कर उम्दा कहानियां बनती रही हैं. मनोज कुमार वाली ‘क्रांति’ और आमिर खान वाली ‘लगान’ इसकी उन्नत मिसालें हैं.

‘शाबाश मिथु’ एक दमदार शाबाशी की हकदार क्यों नहीं बन पाई

मिताली के बचपन से शुरू करके यह फिल्म उनके नेशनल टीम में चुने जाने और वर्ल्ड कप खेलने तक के लंबे सफर को दिखाती है.

खौल रहा है लंका, राष्ट्रपति फरार- भारत की पड़ोसी देशों से ‘तुलना’ पर क्या कहता है उर्दू प्रेस

दिप्रिंट का राउण्ड-अप कि उर्दू मीडिया ने पिछले हफ्ते की घटनाओं को कैसे कवर किया, और उनमें से कुछ ने क्या संपादकीय रुख़ इख़्तियार किया.

ऑपरेशन खुकरी: UN के हिस्से के रूप में भारतीय सेना के सबसे सफल मिशन की सच्ची कहानी है

बटालियन हवाई अड्डे के बगल के एक क्षेत्र में डेरा डाले हुए थी, जबकि कंपनी उससे लगभग एक किलोमीटर दूर थी, जो मुझे अपनी कंपनी के लिए प्रशिक्षण को आयोजित करने में पूरी छूट देने के लिए पर्याप्त थी.

जाति-विरोधी सिनेमा के लिए मिसाल मराठी फिल्म जयंती, मुख्य भूमिका में OBC, आंबेडकर और शिवाजी की किताबें

शैलेष नरवाडे की जयंती में शायद पहली दफा एससी, एसटी, ओबीसी और मुसलमान पात्र किसी एक फिल्म में खुलकर आए.

आजादी के 75 साल के जश्न और भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद की डोर बनेगा BBC पॉडकास्ट ‘बात सरहद पार’

बीबीसी इस साल अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहा है, इसी क्रम में इस पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की गई है जिसमें भारत-पाकिस्तान के संगीत से लेकर सिनेमा जगत की हस्तियां बातचीत करेंगी.

उर्दू प्रेस ने SC द्वारा नुपुर शर्मा की निंदा को भारतीय मुसलमानों की मानसिक स्थिति की झलक बताया

दिप्रिंट अपने राउंड-अप में बता रहा है कि इस हफ्ते उर्दू मीडिया ने विभिन्न खबरों को कैसे कवर किया और उनमें से कुछ पर उसका संपादकीय रुख क्या रहा.

सेंसेक्स क्षेत्रीय दलों का: जाति और धर्म की राजनीति से पनपे दल

एक तरफ कांग्रेस पर शुरू में ही यह आरोप लगा कि वह मुसलिम तुष्टीकरण को बढ़ावा दे रही है तो दूसरी तरफ हिंदू राष्ट्रवाद की राजनीति करने वाली पार्टियों को शुरू में कोई खास सफलता नहीं मिली.

मॉब लिंचिंग, संवेदनशील मानवीय मसलों और पत्रकार की उथल-पुथल भरी जिंदगी की कथा है ‘कीर्तिगान’

चंदन पाण्डेय की किताब कीर्तिगान समाज में फैले उन्माद और भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के मनोविज्ञान की जड़ों की कथात्मक ढंग से शिनाख्त करता है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीन दिन में 12 लापता बच्चों, महिलाओं को उनके परिवारों से मिलाया

लखनऊ, 25 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘मिशन शक्ति’ पहल के तहत पिछले तीन दिन में 12 लापता बच्चों और महिलाओं को...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.