पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख इख्तियार किया.
संभाजी को पहले एक भव्य तंबू में ले जाया गया, जिसमें एक कार्यालय कक्ष है, एक शयनकक्ष और एक निजी खुला स्नानागार. एक गुलाम धुले कपड़ों का एक सेट लेकर आता है.
भारतीय इस्लाम का उदय उपनिवेशवाद के ज़माने में हुआ था. इसका सीधा कारण यह था कि ब्रिटिश औपनिवेशिक विमर्श के लिए ‘इस्लाम’ और ‘भारत’ दो बिल्कुल विपरीत चीज़ें थी. ब्रिटिश और अगर व्यापक तौर पर कहें तो युरोपीय औपनिवेशिक ताकतें इस्लाम से सीधे तौर पर परिचित थीं.
प्रशांत नायर का निर्देशन काफी असरदार है. कैमरा आपकी बेचैनी बढ़ाता है और लोकेशंस विश्वसनीयता. सीरीज का अंत आपको सुन्न कर देता है और यहीं आकर यह सफल हो जाती है.
पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख इख्तियार किया.
निर्धनों, किसानों व मजदूरों की समस्याओं को उजागर करने तथा सामाजिक जड़ताओं, अंध-परंपराओं एवं कुरीतियों के विरुद्ध सामाजिक जागृति का उद्देश्य लिये पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी का लेखन अपने आप में ही महान् है.
विश्वनाथ ने तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की. राकेश रोशन के साथ उन्होंने ‘कामचोर’, ‘जाग उठा इंसान’ को डायरेक्ट किया है.
पेश है दिप्रिंट का राउंड-अप कि कैसे उर्दू मीडिया ने पिछले सप्ताह के दौरान विभिन्न समाचार संबंधी घटनाओं को कवर किया और उनमें से कुछ ने इसके बारे में किस तरह का संपादकीय रुख इख्तियार किया.
शेरगढ़, यह 33 गांवोंवाली जोधपुर जिले की एक तहसील और देश के अनेक योद्धाओं की जन्मस्थली है. अपने नाम के अनुरूप ही इस स्थान ने देश के लगभग सभी युद्धों और अभियानों में अपने अनेक शेर, अनेक सपूत भेजे हैं.
इस फिल्म का मकसद आपको कोई महान कहानी या कोई बहुत ही जानदार पटकथा दिखाना नहीं है. इस फिल्म का मकसद है आपको उन रंगीन मसालों की बारिश में भिगोना जिसके लिए ‘बॉलीवुड’ जाना जाता है.