ये हमले सामान्यत: यहीं नहीं रुकते. वैसे तो राजनीतिक पर्यवेक्षक हमें आश्वस्त करते नजर आते हैं कि दबंग नेता केवल ‘बकबक’ करते हैं और उनकी बातों को बहुत गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. लेकिन दुनिया-भर में पैदा हुए दबंग नेताओं के ऊपर नजर डालने से पता चलता है कि उनमें से कई ने अपनी कथनी को करनी में बदला है.
शायद इसीलिए जब भी नशिस्त में कोई ज़टल पढ़ी जाती है, कोई गन्दा लतीफ़ा सुनाया जाता है, किसी लड़की के जिस्मानी रिश्तों का ज़िक्र निकल पड़ता है तो दोस्त-अहबाब कितने ख़ुश हो जाते हैं, उनके चेहरों पर कैसी ताज़गी फूट पड़ती है.
सरकारी स्वामित्व वाली केएसडीएल द्वारा निर्मित मैसूर संदल साबुन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में गैर-कन्नड़ अभिनेता के चयन पर उठे विवाद के बीच, एमबी पाटिल ने कहा कि यह व्यापारिक विवेक का मामला है, पहचान का मामला नहीं.
यह घटना नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एसबीआई (जो उस वक्त इम्पीरियल बैंक कहलाता था) की शाखा में घटित हुई थी. इस दिन सुबह शाखा के चीफ कैशियर वेद प्रकाश मल्होत्रा के पास एक फोन आता है, जिस पर उनसे 60 लाख रुपए की मांग की जाती है.
यूपीए के सामाजिक-आर्थिक क़ानूनों को मेनस्ट्रीम मीडिया के एक हिस्से द्वारा यूपीए सरकार की ‘माई-बाप सरकार’ मानसिकता क़रार दिया गया. कहा गया कि यह कार्यक्रम निर्भरता (अंग्रेज़ी में, डिपेंडेंसी) पैदा करते हैं और ‘भीख’ देने के बराबर हैं, ये लोगों को भीख का आदी बना देंगे.
फिल्म व्हाइट रोंगटे खड़े कर देने वाली ग्लोबल थ्रिलर होगी, जो कोलंबिया में 52 साल चले खूनी गृहयुद्ध और उसकी ऐतिहासिक समाप्ति की सच्ची कहानी पर आधारित है.
अपने पहले संयुक्त वेंचर नागजिला के बारे में चर्चा के बाद आधिकारिक तौर पर घोषित की गई पार्टनरशिप, करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस और महावीर जैन और निर्देशक मृगदीप सिंह लांबा की क्रिएटीव पावर को एक साथ लाएगी.
ज्योतिराव फुले पर अनंत महादेवन की हिंदी फिल्म को ब्राह्मण समूहों और सेंसर बोर्ड से विरोध झेलना पड़ा है. लेकिन दलितों के लिए यह फिल्म अब भी जातिवाद के खिलाफ अपनी बात कहने का एक मौका है.