पारिवारिक लड़ाई 2016 में शुरू हुई. पार्टी कार्यकर्ता अभय सिंह चौटाला को पंसद नहीं करते थे, दुष्यंत की लोकप्रियता के चलते उन्हें पार्टी पोस्टर्स से हटाया गया
अगर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि मुस्लिम सांसदों की संख्या कम हो गई है, 2019 में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती.
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.