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Thursday, 11 December, 2025

संध्या रमेश

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मत-विमत

भारत की माओवादियों से लंबी जंग में एक ऐसा खालीपन है जिसे मौतों का आंकड़ा भी नहीं भर सकता है

कमज़ोर शासन, भ्रष्टाचार और गरीबी भारत में आदिवासी जीवन की पहचान बने हुए हैं. इंडस्ट्रियल और माइनिंग प्रोजेक्ट्स शुरू होने से आदिवासियों के मुकाबले ठेकेदारों, नेताओं और अधिकारियों को ज़्यादा फायदा हुआ है.

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सीडीएस चौहान वायु सेना एकेडमी में परेड की समीक्षा करेंगे

हैदराबाद, 11 दिसंबर (भाषा) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान 13 दिसंबर को यहां वायु सेना एकेडमी (एएफए) में आयोजित होने वाली 216...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

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