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Wednesday, 11 December, 2024
होमदेश2022 की बड़ी, सफल अंतरिक्ष कहानियां: स्पेस टूरिजम में बड़ी छलांग और यूनीवर्स जो पहले कभी नहीं देखा

2022 की बड़ी, सफल अंतरिक्ष कहानियां: स्पेस टूरिजम में बड़ी छलांग और यूनीवर्स जो पहले कभी नहीं देखा

इस साल भारतीय प्राइवेट स्पेस सेक्टर ने कई मिशन और प्रक्षेपणों को अंजाम तक पहुंचाया है. वहीं नासा ने भी एक एस्टरॉयड को चंद्रमा को रास्ते से हटाकर एक सफल प्लेनेटरी डिफेंस एक्सपेरिमेंट किया था.

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बेंगलुरु: स्पेस सेक्टर पहले से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. जहां एक तरफ सरकार द्वारा फंडेड ग्रहों की खोज करने वाले कई प्रोजेक्ट थे तो वहीं इस दिशा में निजी मिशनों की भागीदारी भी पीछे नहीं रही. दिप्रिंट 2022 में दुनिया भर में अंतरिक्ष और एस्ट्रोनॉमी में टॉप पर रहे दस मिशनों की पड़ताल कर रहा है.

प्राइवेट स्पेस टूरिज़म

मार्च, जून और अगस्त में जेफ बेजोस की एयरोस्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड ने अपनी स्पेस सर्विस के दौरान हर बार छह यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई थी. अमेरिकी के पहले निजी चालक दल ने अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए अपनी पहली उड़ान भरी थी. नासा ने उसी कंपनी के साथ एक दूसरे चालक दल को अंतरिक्ष स्टेशन पर ले जाने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे.

जापानी अरबपति युसाकु मेजावा ने भी चंद्रमा पर जाने के लिए अपने एक निजी मिशन के लिए चालक दल की घोषणा की थी. वह पिछले साल दिसंबर में एक पर्यटक के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं.

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अब तक का निर्मित सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप है. यह शुरुआती आकाशगंगाओं से प्रकाश देखने में सक्षम है. कंपनी ने इस साल की शुरुआत में अपना ऑपरेशन शुरू किया था.

टेलीस्कोप से खींची गई पहली कुछ तस्वीरों को जुलाई में आम जनता को देखने के लिए उपलब्ध कराया था. इन तस्वीरों में गैलेक्सी क्लस्टर के लुभावने दृश्य, एक-दूसरे को खींचती दूर की आकाशगंगाएं और लाखों व अरबों प्रकाश वर्ष दूर तारे बनाने वाले क्षेत्र दिखाई दे रहे थे.


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भारत के निजी क्षेत्र में उछाल

2022 में भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र ने कई सफल मिशन और लॉन्च देखे हैं. इसके लिए इसरो की नोडल एजेंसी IN-SPACe को धन्यवाद किया जाना चाहिए, जिसने इसरो तकनीक के साथ पहुंच और सहयोग की सुविधा प्रदान की.

भारत का पहला निजी रॉकेट इसरो के साउंडिंग रॉकेट लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया था. वहीं श्रीहरिकोटा में देश के पहले निजी लॉन्चपैड का उद्घाटन भी किया गया.

चीन का अंतरिक्ष स्टेशन

चीन ने जुलाई और अक्टूबर में अपने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के साथ लैब मॉड्यूल जोड़कर उसे पूरा किया. अंतरिक्ष स्टेशन में पहले से ही तीन क्रू मिशन हैं.

तियांगोंग स्टेशन में कोर मॉड्यूल शामिल है. इसमें चालक दल रहते हैं और साथ ही में दो साइंस लैब, एक डॉकेबल लाइफबोट और रोबोटिक कार्गो जहाज भी शामिल हैं.

अंतरिक्ष का कचरा

पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में बढ़ते उपग्रहों के साथ ही अंतरिक्ष कबाड़ या मलबा भी बढ़ता जा रहा है. स्पेस में रॉकेटों के छोड़े गए हिस्से, नॉन फंक्शनिंग सैटेलाइट, अन्य उपग्रहों के टुकड़े आदि फैले पड़े है. भविष्य में यह एक समस्या बनने की उम्मीद है. वैसे आने वाले समय में कुछ प्रोजेक्ट इस मसले से निपटने के लिए आगे आ सकते है.

जनवरी में एक चीनी उपग्रह ने रोबोटिक तरीके से बिना प्रयोग वाले उपग्रह को अपनी तरफ खींच लिया था और उसे कम जोखिम वाले उच्च कक्षा में फेंक दिया.

मार्च में चीन से छोड़े गए लॉन्ग मार्च 3सी रॉकेट के रूप में द्वारा उत्पन्न मानव अंतरिक्ष का मलबे के चंद्रमा की सतह से टकराने की वजह से उसकी सतह पर डबल क्रेटर बन गया था.

आर्टेमिस -1

नासा ने आर्टेमिस 1 के साथ चंद्रमा पर अंतरिक्ष मिशन फिर से शुरू कर दिया है. यह आर्टेमिस मिशन की सीरीज में पहला है, जिसका उद्देश्य 70 से अधिक वर्षों के अंतराल के बाद चंद्रमा पर मानव उपस्थिति स्थापित करना है.

मानव रहित मिशन नवंबर में लॉन्च किया गया था. इसमें ओरियन अंतरिक्ष कैप्सूल पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा था और फिर से पृथ्वी पर लौटने से पहले चंद्रमा के चारों ओर घूम रहा था. मिशन 25 दिनों तक चलता रहा था.


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मंगल मिशन को अलविदा

2022 में दो मंगल मिशनों ने आखिरी बार पृथ्वी के साथ संपर्क साधा था.

इसरो के मार्स ऑर्बिटर मिशन या मंगलयान ने ‘लंबे ग्रहण’ के बाद अप्रैल में पृथ्वी के साथ अपना संपर्क खो दिया था. संभव है कि वह अपने सौर पैनलों को चार्ज करने और सही दिशा में पर्याप्त धूप प्राप्त करने में असमर्थ था. मंगल ग्रह के चारों ओर कक्षा में प्रवेश करने के आठ साल बाद अक्टूबर में मिशन को अलविदा कह दिया गया. यह एक तकनीकी डेमोंस्ट्रेटर था जिसे कम से कम छह महीने तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया था. लेकिन अंतरिक्ष यान के मानक के रूप में यह काफी ज्यादा समय तक चलता रहा.

बहुत अधिक धूल जमा होने के बाद इस साल दिसंबर में नासा के इनसाइट लैंडर का संचालन बंद हो गया. लैंडर ने भूकंप और ग्रह के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी मुहैया कराई थी.

एक सफल प्लेनेटरी डिफेंस एक्सपेरिमेंट

नासा का DART मिशन 20221 में एक प्लेनेटरी डिफेंस एक्सपेरिमेंट के तौर पर लॉन्च किया गया था. इसका मकसद स्पेसक्राफ्ट की एस्टेरॉयड से टकराहट करवा कर उसकी दिशा बदलना था. इस मिशन ने डिडिमोस और उसके चंद्रमा डिमोर्फोस पर हमला कर इसकी ऑर्बिट को बदल दिया था.

सितंबर में सफलता की घोषणा की गई थी और दिसंबर में कक्षा के अवलोकन के शुरुआती परिणामों ने संकेत दिया कि प्रभाव ने चंद्रमा के ऑरबिट को 33 मिनट तक छोटा कर दिया है.

मिल्की वे के केंद्र में एक ब्लैक होल

कई संस्थानों और कई देशों के साथ मिलकर किए गए काम और गहन शोध से मिली मिल्की वे के केंद्र में पाए जाने वाले एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की पहली इमेज जारी की गई थी. इवेंट होराइज़न टेलिस्कोप की मदद से इस धनु A* (Sgr A*) की इमेज को लिया गया था. यह इस सुपरमैसिव ब्लैक होल के अस्तित्व का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है जिसके चारों ओर पूरी आकाशगंगा घूम रही है.

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का प्रभाव

जब रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो कई देशों ने उस पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए, जिससे कई अंतरिक्ष गतिविधि सहयोग रुक गए.

आईएसएस के लिए कई सोयुज लॉन्च को बंद कर दिया गया और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस ने सोयुज रॉकेट डिजाइन से अमेरिकी और जापानी झंडे हटा दिए.

यूरोप-रूस के संयुक्त मिशन एक्सोमार्स 2022 का एक हिस्सा मंगल ग्रह पर जाने वाला रोजालिंड फ्रैंकलिन रोवर मार्च में लॉन्च होने वाला था, लेकिन लॉन्च को स्थगित कर दिया गया. जर्मन-रूसी अंतरिक्ष दूरबीन मिशन, Spektr-RG को भी सस्पेंड कर दिया गया.

रूस ने यह भी घोषणा की कि वह अमेरिका को रॉकेट इंजन की आपूर्ति बंद कर देगा.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या | संपादन:अलमिना खातून)


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