नई दिल्ली: तेहरान में मॉरलिटी पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के तीन दिन बाद 16 सितंबर को 22 वर्षीय कुर्दिश महिला महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में बड़े स्तर पर महिलाओं द्वारा हिजाब उतारकर प्रदर्शन किया गया. इस घटना पर घरेलू से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
अमीनी के अंतिम संस्कार के बाद शुरू हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिजाब हटाकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी, जिसमें काफी लोग घायल हुए.
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हिजाब हटाकर ‘तानाशाह को मौत’ के नारे लगाए. ईरान में सार्वजनिक स्थान पर हिजाब उतारना अपराध माना जाता है.
महसा की मां ने उसकी मृत्यु के कुछ देर बाद दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उसके परिवार ने तेहरान पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा, ‘हिरासत में लिए जाने से पहले मेरी बेटी का स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक था’.
ईरान की एक पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने ट्वीट कर कहा, ‘हिजाब हटाना ईरान में दंडनीय अपराध है. हम दुनिया भर के महिलाओं और पुरुषों से एकजुटता दिखाने का आह्वान करते हैं.’
Women of Iran-Saghez removed their headscarves in protest against the murder of Mahsa Amini 22 Yr old woman by hijab police and chanting:
death to dictator!
Removing hijab is a punishable crime in Iran. We call on women and men around the world to show solidarity. #مهسا_امینی pic.twitter.com/ActEYqOr1Q
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) September 17, 2022
22 वर्षीय महसा अमीनी अपने परिवार के साथ तेहरान की यात्रा पर थी, जब उसे स्पेशलिस्ट पुलिस इकाई ने हिरासत में ले लिया. कुछ समय बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और आपातकालीन सेवाओं के सहयोग से उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हालांकि अमीनी का परिवार इस बात को मानने से इनकार कर रहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक चश्मदीदों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद अमीनी को वैन में पीटा गया था लेकिन पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है.
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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमीनी के समर्थन में उठी आवाज
अमीनी के समर्थन में मानवाधिकार संगठनों सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी आवाज उठी है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवियन ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ’22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत से हम चिंतिंत हैं, जिसे कथित तौर पर ईरान की मॉरलिटी पुलिस ने कस्टडी में मारा. उसकी मृत्यु अक्षम्य है. हम इस तरह के मानवाधिकारों के हनन के लिए ईरानी अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना जारी रखेंगे.’
We are deeply concerned by the death of 22-year-old Mahsa Amini, who was reportedly beaten in custody by Iran’s morality police. Her death is unforgivable. We will continue to hold Iranian officials accountable for such human right abuses. #MahsaAmini مهسا_امینی#
— Jake Sullivan (@JakeSullivan46) September 16, 2022
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ट्वीट कर कहा, ’22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की हिरासत में संदिग्ध मौत की परिस्थितियों, जिसमें हिरासत में प्रताड़ना और अन्य दुर्व्यवहार के आरोप शामिल हैं, की आपराधिक जांच की जानी चाहिए.’
संगठन ने आगे कहा, ‘तेहरान में तथाकथित ‘मॉरलिटी पुलिस’ ने मनमाने ढंग से उसकी मृत्यु से तीन दिन पहले उसे गिरफ्तार कर लिया, जबकि देश के अपमानजनक और भेदभावपूर्ण मुंह ढकने के कानूनों को लागू किया. इसके लिए जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए.’
The circumstances leading to the suspicious death in custody of 22-year-old young woman Mahsa Amini, which include allegations of torture and other ill-treatment in custody, must be criminally investigated. 1/2 pic.twitter.com/pcAVeTWUnW
— Amnesty Iran (@AmnestyIran) September 16, 2022
ईरानी सांसदों ने भी इस घटना में पुलिस के बर्ताव पर सवाल उठाए. वहीं जाने-माने फिल्म डायरेक्टर अज़गर फरहादी ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि अधिकारियों की ‘अंतहीन क्रूरता’ के सामने, ‘हमने अपनी आंखें मूंद ली हैं.’
मानवाधिकार कार्यकर्ता और प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि ये महिलाएं कभी भी हिजाब नहीं पहनेंगी जिसे उन्होंने आज उतारा है.’
Iranian women took off their hijabs to protest over the death of a 22-year-old woman, Mahsa Amini, who was arrested and beaten up by the police for not properly following hijab regulations.
I hope these women never wear the hijabs they are taking off today. pic.twitter.com/LhDpTkzKel— taslima nasreen (@taslimanasreen) September 18, 2022
हालांकि इस घटना के बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने गृह मंत्री को मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है.
गृह मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अमीनी की मृत्यु की जांच के लिए सुरक्षा और इंटेलिजेंस में अपने डिप्टी को नियुक्त किया है और रिपोर्ट मांगी है.
امروز با صدور دستوری، سید مجید میراحمدی معاون امنیتی-انتظامی وزیر کشور را مسئول رسیدگی به حادثه برای #مهسا_امینی کردم.
وی موظف است علت حادثه برای خانم امینی را با فوریت، دقت و به صورت ویژه بررسی و نتیجه را فوراً به اینجانب گزارش کند.
— احمد وحیدی (@AH_Vahidi) September 16, 2022
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अधिकारों के लिए आवाज उठाती ईरानी महिलाएं
मॉरलिटी पुलिस के सदस्यों को गश्त-ए-इरशाद कहा जाता है जिनकी जिम्मेदारी ड्रेस कोड को लागू करवाना है. लेकिन हाल के वर्षों में इसकी काफी आलोचना हो रही है. गौरतलब है कि ईरान की मॉरलिटी पुलिस महिलाओं के लिए एक खास ड्रेस कोड को लागू करवाती है.
अमीनी की मौत उस वक्त हुई है जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी द्वारा लगातार महिला अधिकारों को कुचला जा रहा है.
2017 के बाद से महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब उतारकर विरोध कर रही हैं जिसके बाद प्रशासन द्वारा कड़ा रुख अपनाया जा रहा है. हालांकि राजनीतिक सुधार में लगे लोगों ने ईरान की संसद से हिजाब को लेकर बने कानून को रद्द करने की मांग की है.
ईरान में 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद से ही महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था. नियमों के मुताबिक महिलाओं को अपना सिर ढकना होता है और सार्वजनिक स्थानों पर निकलने के पहले उनके बाल ढके होने चाहिए. लेकिन बीते कुछ समय से महिलाएं इस ड्रेस कोड के खिलाफ खुलकर बोलते हुए नजर आई हैं.
हाल के महीनों में, ईरानी राज्य टीवी ने सख्त ड्रेस कोड का पालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार महिलाओं के इकबालिया बयान को टीवी पर दिखाया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरानी लोगों का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ उठाए जा रहे इन कदमों के पीछे सुप्रीम लीडर अली ख़ामेनेई का हाथ है. सोशल मीडिया पर उनका वो भाषण भी काफी शेयर किया जा रहा है जिसमें मॉरलिटी पुलिस की कार्यशैली की वो तारीफ कर रहे हैं.
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