scorecardresearch
Wednesday, 24 April, 2024
होममत-विमतमोदी ने पाकिस्तान को दिखाया 56 इंच का सीना

मोदी ने पाकिस्तान को दिखाया 56 इंच का सीना

पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने हमले कर पाकिस्तान को कायदे से समझा दिया कि अब ख़ैरियत चाहते हो तो औकात में रहना.

Text Size:

भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर हमला करके अपने धूर्त पड़ोसी देश को उसकी औकात बता ही दी. सोमवार को देश ने रणभूमि के वीरों के स्मारक का उद्घाटन किया था और उसके अगले ही दिन अल सुबह पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के 300 से भी ज़्यादा आतंकियों को ढेर कर पुलवामा के आतंकी हमले का करारा जवाब दे दिया. भारत ने एक तरह से पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी एक कड़ा संदेश दे दिया कि अगर भारत की तरफ तिरछी नज़र से देखा तो गर्दन में अंगूठा डाल दिया जाएगा. यह इस बार भारत ने अच्छी तरह से करके दिखा दिया है.


यह भी पढ़ेंः राजस्थान में गरजे पीएम, कहा- सौगंध मुझे इस मिट्टी की, देश नहीं मिटने दूंगा


भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के 3:50 से 4:05 बजे के बीच के मात्र 15 मिनटों में जैश-ए-मोहम्मद के एक दर्जन ठिकानों पर पर ताबड़-तोड़ हमला किया. यह एक्शन भारत ने डंके की चोट पर किया. भीगी बिल्ली बने पाकिस्तान ने भी माना कि उसके क्षेत्र में भारत के विमान घुस गए थे. बालाकोट में भारत ने जिस आतंकी कैम्प पर हमला किया, उसे मसूद अज़हर का एक नज़दीकी रिश्तेदार ही चलाता था. पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को कायदे से समझा दिया कि अब ख़ैरियत चाहते हो तो औकात में रहना. भारत को बार-बार परमाणु बम से हमला करने की धमकी देने वाले पाकिस्तान को अब तो समझ आ ही गया होगा कि अगर अब गड़बड़ की तो उसे नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा.

पुलवामा हमले के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक तरह से भारत के दुश्मनों को यह अच्छी तरह समझा दिया है कि अब भारत से टक्कर लोगे तो पानी तक मांगने का मौका नहीं मिलेगा. अच्छी बात यह है कि पाकिस्तान पर इस हमले से सारा देश अब राहत की सांस ले रहा है. अब भारत को कोई साफ्ट पॉवर कहने से पहले दस बार सोचेगा. आखिर भारत ने पाकिस्तान की तो कमर तोड़ कर रख ही दी है.

इंडियन एयर फोर्स ने हमले में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट क्षेत्र के अलावा एलओसी के पार पीओके के मुज़फ्फराबाद और चकोटी इलाके में भी बमबारी की. अंबाला के वायुसेना अड्डे से उड़े 12 मिराज विमानों ने 1000 किलो बम बरसाए. इस क्रम में जैश का कंट्रोल रूम तक भी उड़ा दिया गया.

यह याद रखना होगा इससे पहले 1971 में भी भारत के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान में हल्ला बोला था. उस हमले से पाकिस्तान लंबे समय तक पस्त रहा था. 1999 के कारगिल की जंग के वक्त भारतीय वायुसेना ने अपने देश की सीमा से ही पाकिस्तानी सेना को मार भगाया था. पर इस बार का हमला मोदी सरकार के मिजाज का प्रतीक है. यह माना जा सकता है कि किसी आतंकी संगठन के खिलाफ भारत की यह पहली बड़ी एयर स्ट्राइक है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

2016 के उड़ी हमले के बाद भी भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, लेकिन उसमें वायुसेना की जगह पैराट्रूपर्स आतंकी कैम्पों को तबाह करने के लिए लगाये गए थे. इधर इस तथ्य को भी याद रखा जाए कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया है. ये उसका कभी लक्ष्य भी नहीं रहा. भारत की पाकिस्तान की गरीबी और निरक्षरता से जूझ रही जनता के साथ सहानुभूति रही है. भारत को मालूम है कि वो दाने-दानों को मोहताज है. ये हमला पाकिस्तान सेना पर माना जाए. यही सेना जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को खाद-पानी देती है. इसका एक मात्र मकसद भारत को कमज़ोर करना रहता है.

चूंकि ये जानती है कि वो भारत से सीधे युद्ध में जीत नहीं सकती है, इसलिए वो भारत के खिलाफ छद्म युद्ध का सहारा लेती है. पुलवामा में भी यही हुआ था. पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हुए थे. भारतीय संसद पर 2001 में और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले में इसी आतंकी संगठन का हाथ रहा है.

भारत ने जैश-ए-मोहम्मद को तबाह करने से पहले गज़ब का धैर्य दिखाया, पाकिस्तान सरकार को इस संगठन की करतूतों की बार-बार साक्ष्य के साथ जानकारी दी. पर मजाल है कि पाकिस्तान सरकार कोई एक्शन लेती. पुलवामा हमला की जैश ने ज़िम्मेदारी ली और दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से बेशर्मी से सूबूत मांगते रहे. भारत ने मुंबई हमले के भी पाकिस्तान को साक्ष्य दिए थे, पर वो साक्ष्य ही मांगता रहा. उसके खून में झूठ बोलना है.

याद कीजिए कि सारी दुनिया के सामने पाकिस्तान सरकार ने 2004 में कहा था कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकियों के लिए नहीं होने देगी, पर वो अपने वादे को भूल गई.

इमरान खान के पाकिस्तान का वज़ीरे आज़म बनने के बाद एक उम्मीद जगी थी कि वो भारत से संबंध सुधारने की दिशा में गंभीरता दिखाएंगे, पर वे तो सबसे बदतर निकले. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के बहाने भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की. वे करतारपुर कॉरिडोर के मसले पर गंभीरता का आवरण ओढ़ते रहे. इस तरह से वे भारत में खालिस्तानी तत्वों के हमदर्द बन रहे थे. वे याद रखें कि भारत देश में या देश से बाहर उन शक्तियों को खत्म कर देगा जो उसका बुरा करना चाहती हैं.


यह भी पढ़ेंः सर्जिकल स्ट्राइक से तिलमिलाया पाकिस्तान, बौखलाए इमरान ने अपने अधिकारियों के दावों को झुठलाया


बहरहाल, पाकिस्तान ताज़ा हमले को ‘हमला’ मानने को तैयार नहीं है. पाकिस्तान की सेना ने इसे अपनी सीमा में घुसने का असफल प्रयास करार दिया है. हालांकि, उसके इस दावे की पोल उसके अपने नागरिक ही खोल रहे हैं. वे बता रहे हैं कि पाकिस्तान पर भारतीय वायुसेना ने हमला किया.

कायदे से तो पाकिस्तान को भारत का धन्यवाद देना चाहिए कि उसने सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया. यानी जो काम पाकिस्तान नहीं कर सका उसे भारत ने कर दिया. पर पाकिस्तान से इतनी समझदारी की अपेक्षा रखना सही नहीं है. वो भारत पर हमला बोल सकता है. ये बेहद गंभीर समय है. अब सारे देश को अपनी सेनाओं के साथ युद्ध के लिए तैयार रहना होगा. याद रखिए कि युद्ध सारा देश लड़ता है, सिर्फ सेना ही नहीं लड़ती.

(लेखक भाजपा से राज्य सभा सदस्य हैं)

share & View comments