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Friday, 3 May, 2024
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कोविड 19 से लड़ाई के लिए स्मार्ट शहरों की स्मार्ट जुगत, एप और कंट्रोल रूम बने कोरोना वार रूम

कोरोना से लड़ाई ​में सिर्फ लॉकडाउन और दवाएं ही काम नहीं आ रही देश के स्मार्ट शहरों की स्मार्टनेस भी काम आ रही है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल शहर कोविड-19 से निपटने के लिए नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं.

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नई दिल्ली: कोरोना से लड़ाई ​में सिर्फ लॉकडाउन और दवाएं ही काम नहीं आ रही देश के स्मार्ट शहरों की स्मार्टनेस भी काम आ रही है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल शहर कोविड-19 से निपटने के लिए नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं. प्रोजेक्ट में शामिल देश के इन शहरों में कोरोनावायरस से मुकाबला के लिए कही मोबाइल एप्लीकेशन की मदद ली जा रही है तो कहीं स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रुम को ही कोरोना के लिए वॉर रूम बना दिया गया है. कोरोना संक्रमितों पर निगरानी और लोगों की ज़रुरतों को पूरा करने के लिए कई समाधान भी खोज लिए है. स्थानीय स्तर पर शासन और प्रशासन को इसमें सफलता भी हासिल हो रही है. देश के उत्तर से लेकर दक्षिण तक तमाम शहरों में ऐसे उदारहण नज़र आ रहे हैं.

शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव और स्मार्ट सिटी मिशन के डायरेक्टर कुणाल कुमार ने दिप्रिंट हिंदी को बताया, ‘हम हमेशा कहते आए हैं कि टेक्नोलॉजी एक माध्यम है. इस माध्यम से हमें लोगों को सुविधा देने का काम करना है. इस असाधारण दौर में कई स्मार्ट​ सिटी अच्छे तरीके से काम कर रही हैं.’

वह आगे कहते हैं, ‘कहीं पर वार रूम बनाए है तो कई मोबाइल एप के साथ ड्रोन का उपयोग हो रहे हैं. इससे लोगों को सुविधा देने का एक बड़ा काम किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि इन चीज़ों को ज़्यादा से ज़्यादा शहरों तक पहुंचाया जा सके. कोविड के इस दौर में छोटे शहरों ने एक अच्छी मिसाल पेश की है.’

स्मार्ट सिटी मिशन में आर्थिक विशेषज्ञ विकास चंद्रा ने दिप्रिंट हिंदी से कहा,’स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के तहत शहरों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, वाईफाई और जीपीएस सिस्टम का इस दौर में सही प्रयोग हो रहा है.स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत 45 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाए गए है. आज कोरोना महामारी के इस दौरा में ये कवच का काम रहे हैं. इस टेक्नोलॉजी की मदद से हम कोरोना संक्रमित लोगों की मैपिंग, शहरों में खाद्य सामग्री के वितरण के अलावा लॉकडाउन के पालन पर नज़र रख पा रहे हैं.’

सूरत: क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों से रोज़ एप पर पूछे जाते हैं तीन सवाल

गुजरात राज्य के सूरत नगर निगम ने कोविड 19 ट्रेकर नाम से एक एप बनाया है. जो उन शहरी नागरिकों पर नज़र रखे हुए जिनका विदेश या देश के अन्य राज्यों में यात्रा की हिस्ट्री रही है. इसके अलावा जो कोविड 19 के पॉजिटिव पाए गए लोगों से सीधे संपर्क में रहे है. नगर निगम ने अपने बेवसाइट पर सेल्फ डिक्लरेशन फार्म, हेल्पलाइन नंबर पर आए हुए फोन और भारत सरकार से प्राप्त अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सूचनाओं और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग टीम की रिपोर्ट के आधार पर जुटाई गई शहर के नागरिकों की सूचनाएं इस एप पर अपलोड की गई है.

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इस एप में रियल टाइम में शहर के अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती के अलावा घरों और अन्य स्थानों पर क्वारेंटाइन किए गए संदिग्धों की सूची उपलब्ध होगी. जो कोरोना पीड़ित है उन लोगों के अस्पताल में कड़ी निगरानी में रखा जा रहा है. उसका डेटा भी एप में उपलब्ध करवाया जा रहा है.


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निगम की बेवसाइट पर या हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद यूज़र के पास एक यूनिक आईडी आएगी. इसके बाद एप को डाउनलोड करने के लिए कहा जाएगा. मोबाइल में एप इंस्टाल होने के बाद उसे अपनी लोकेशन भी हर घंटे में साझा करनी होगी ताकि वह यह साबित हो सके वह क्वारेंटाइन का पालन कर रहा है. वहीं निगम का व्यक्ति भी प्रतिदिन उन लोगों के घर जाकर चेक करेगा. घर पर नहीं होने की स्थिति में या लोकेशन साझा न करने स्थिति में या नियम तोड़ने वालों पर निगम प्रशासन द्वारा सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.

सूरत नगर निगम के अनुसार, ‘जिनके पास घर में जगह नहीं है जहां वो खुद को अलग-थलग रख सकें ऐसे में निगम ने उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचाया.’ इसके अलावा निगम ने एप के जरिए एक व्यवस्था और की है जिसमें क्वारेंटाइन में रह रहे लोगों से सुबह 10 बजे और रात 9 बजे एप पर तीन सवाल पूछे जाते हैं, जिनके जवाब के साथ व्यक्ति को अपनी सेल्फी भी अनिवार्य रूप से भेजनी होती है.

आगरा: जैसे ही इलाके में बढ़ती है भीड़ पुलिस को​ मिलती सूचना

उत्तरप्रदेश के आगरा में लॉकडाउन पर भी एक मॉनिटरिंग एप के जरिए निगरानी रखी जा रही है. देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद उसकी सख्ती से पालन हो इसके लिए मॉनिटरिंग एप तैयार किया गया है. ये एप आगरा के प्रशासनिक और पुलिस अफसरों को ही मुहैया करवाया गया है. शहर के किसी भी इलाके में भीड़ होने और सामजिक दूरी न रहने पर शहरभर के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरे के ज़रिए मिल रही फीड मिनटों में ही पुलिस व प्रशासन को अलर्ट मिलता है ताकि वहां जल्द से जल्द कार्रवाई कर सकें.

आगरा के नगर निगम ने स्मार्ट सिटी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को कोविड 19 के वार रुम में बदल दिया है. यहां से शहर के नागरिकों को सूचना भेजी जा रही है कि वे किराने के सामान को आनलाइन ही खरीदें. घर में ही रहें. उनके घर तक सामान उपलब्ध करवा दिया जाएगा.वहीं शहर के ज़रुरमंदों को भोजन भी यहीं से मुहैया करवाया जा रहा है.

बनारस: एप की मदद से बन रहा है ई पास

बनारस में भी पुलिस प्रशासन ने सेव काशी एप बनाया है. इस एप पर ई पास, कालाबाज़ारी के लिए शिकायत दर्ज काने के लिए इसे डाउनलोड किया जा सकता है. इसके लिए किसी भी यूज़र आईडी और न ही किसी रजिस्ट्रेशन की ज़रुरत है. इस एप के माध्यम से बनारस के क्वारेंटाइन, होम क्वारेंटाइन के लोग और आइसोलेशन व कोरोनावयरस से उबर चुके मरीजों की रियल टाइम में इलाके वार संख्या दी गई है.वहीं यदि परिवार में किसी को भी कोविड 19 के लक्षण नज़र आए या किसी संदिग्ध के बारें में पता चले या कोई भी दुकानदार सामान को लेकर कालाबाज़ारी करते हैं तो इस एप के माध्यम से पुलिस प्रशासन को शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

कंसल्ट डॉक्टर विकल्प पर जाकर नागरिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श ले सकते हैं. इस एप पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कोविड से संबंधी आदेशों की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है. इस पर पर जरुरतमंदों के लिए फूड सेंटर, शेल्टर होम की जानकारी भी दी जा रही है. वहीं अगर कुछ लोग घर बैठे दान करना चाहते तो स्वैच्छिक योगदान विकल्प में जाकर खुद को रजिस्टर्ड कराकर जरुरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं.होम डिलीवरी के लिए किन दुकानों से होम डिलीवरी करवा सकते हैं या घर से किसी ज़रुरी कारण के चलते बाहर जाने के लिए भी ई-पास भी इस एप के माध्यम से बनवा सकते हैं.


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अलीगढ़: वीडियों कांफ्रेंसिंग के ​ज़रिए डॉक्टर कर रहे हैं इलाज

उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ नगर निगम ने स्मार्ट सिटी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को कोविड सेंटर में बदल दिया है. यहां शहर के मरीज़ों को टेली-मेडिसिन की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. वहीं मरीज सुबह 11 बजे से एक बजे तक और शाम को पांच से शाम सात बजे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सेंटर में मौजूद डॉक्टरों से मुफ्त मेडिकल परामर्श ले रहे हैं. इस सेंटर में एक साथ 15 मरीजों को देखने की सुविधा उपलब्ध है. इसका मकसद क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों पर दबाव में कमी लाना है. वहीं डॉक्टर मरीजों को मोबाइल पर ही अपना प्रेस्क्रिप्शन भेज रहे हैं.

भोपाल: डॉक्टर और विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे है मौजूद

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी के कार्यालय को वार रुम में तब्दील किया गया है. यह वार रूम कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान कर रहा है. शहर के किसी भी क्षेत्र में संदिग्ध की जानकारी मिलती है तो टीम मौके पर पहुंचकर जांच करती है. वहीं अगले 14 दिनों तक उसका पूरा फॉलोअप भी होता है.

वहीं विशेषज्ञ डॉक्टरों की वीडियों कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी दी जा रही है. राजधानी में बना यह वार रूम पूरे 24 घंटे काम कर रहा है. यहां लोग 8 घंटे की तीन शिफ्ट में काम कर रहे है. वार रूम के साथ तालमेल बैठाने के लिए आठ कमेटियां भी तैयार की गई है.आम लोग कोरोना से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत और जानकारी के लिए फोन और व्हाट्सएप नंबर पर सूचित कर सकते हैं.

बिलासपुर: एप के जरिए कोरोना संदिग्ध पर रखी जा रही नज़र

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी कोरोना के संदिग्ध मरीजों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा एक एप तैयार किया गया है. इस एप में क्वारंटाइन में रखे गए लोगों का नाम रजिस्टर किया जा रहा है. इस एप प्रयोग ऐसे मरीजों के लिए किया जाएगा जो बाहर से यात्रा करके आए है और जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या है. जिसकी सूचना प्रशासन को है तथा दूसरे ऐसे मरीज जिन्हें सर्दी-खांसी बुखार की समस्या है और चिकित्सकों द्वारा क्वारेंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हो. इस एप के ज़रिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का काम आसान हो जाएगा. प्रशासन द्वारा तैयार किए गए एप का प्रयोग फिलहाल बिलासपुर जिले में होगा. एप में बिलासपुर के सभी लोकेशन मौजूद हैं.


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वहीं अगर कोई व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या कोरोनावायरस की संभावनाओं को देखते हुए कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत शासकीय अस्पताल में जाता है और चिकित्सा परीक्षण के बाद डाॅक्टरों द्वारा संबंधित व्यक्ति को घर में रहकर क्वारेंटाइन अवधि का पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं, तो ऐसे व्यक्ति के स्मार्ट फोन में डाक्टरों द्वारा व्हाट्सएप या ऑनलाइन इस एप को डाउनलोड किया जाएगा. फिर उस एप के एडमिन पैनल में जाकर संबंधित व्यक्ति का नाम और पते के साथ पूरा विवरण डालकर मोबाइल नंबर अपलोड किया जाएगा. एप में जीपीएस सिस्टम के जरिए संबंधित व्यक्ति कहां जा रहा है, वर्तमान में कहां है और घर पर है की नहीं, सब कुछ इस एप में दिखाने लगेगा. अगर कोई क्वारेंटाइन  का उल्लंघन करता है तो यह एप एडमिन पैनल में अलर्ट करेगा,जिससे निगरानी रखने वाली टीम को तुरंत पता चल जाएगा.

इसके अलावा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आईटी सेक्टर की तर्ज पर एक कोरोना वार रुम तैयार किया गया है. 250 कैमरों से पूरे रायपुर पर नज़र रखी जा रही है. यातायात पुलिस के कर्मचारी भी पूरी तरह से नज़र बनाएं हुए है कि कौन लाकडाउन को तोड़ रहा है. कहां जमावाड़ा लग रहा है.वहीं क्वारेंटाइन लोगों की निगरानी के लिए अगल से टीम तैनात किया गया है.

पुणे: कोराना संक्रमित बढ़े तो सहायता के शुरु किया संयम एप

महाराष्ट्र में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा कोविड 19 संक्रमित पुणे में ही सामने आ रहे हैं. शहर में मामले बढ़ने के बाद पुणे महानगर पालिका के सहयोग से पुणे स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कोविड का सामना करने के लिए स्मार्ट सिटी के सेंटर को वार रुम बनाया गया है. यहां एक डिजिटल डैशबोर्ड विकसित किया है. इसके जरिए से सभी सरकारी केंद्रों से जानकारी एकत्र की जा रही है.इसके अलावा यही से संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी, होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों की जानकारी व उनके संपर्क में रहने वालों की जानकारी जुटाकर उन तक पहुंचा जा रहा है. जीआईएस के माध्यम से कोरोना के मरीज़ों की मै​पिंग भी तेज़ी से की जा रही है. वहीं स्थानीय प्रशास ने संयम मोबाइल एप भी विकसित किया है. इसके माध्यम से होम क्वारेंटाइन किए गए लोगों को ऑनलाइन सहायता की जा रही है.


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बेंगलुरु: शहरवासियों के लिए रोज़ जारी हो रहा कोरोना बुलेटिन

बंगलुरू के म्युनिसिपल कारपोरेशन ने कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने और जागरूकता के लिए एक वॉर रूम की स्थापना की है. यहां से रोज शहर के कोरोना के प्रसार को लेकर एक रोज़ बुलेटिन जारी किया जाता है. शहर में विदेश से आने वाले सभी लोगों की जानकारी एकत्र कर उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. जो लोग कोरोना संक्रमित है या होम क्वारेंटाइन है उन्हें दिन में दो बार फोन कॉल भी किया जा रहा है. इसके अलावा कोरोना प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग की गई है. उसका डेटा एकत्र किया गया है. 24 घंटे वहां विशेष निगरानी रखी जा रही है. लोगों से शिकायत को एकत्र किया जा रहा है जिसे वार रूम में लगे डैशबोर्ड में बताया जा रहा है जो समस्या हल हो गई है वह भी और जो अभी नहीं हुई है वह भी.

स्मार्ट सिटी में अधिकारी तकनीक का इस्तेमाल कर इस महामारी का स्मार्ट तरीके से सामना कर रहे हैं जोकि देश के बाकी शहरों कस्बों में भी अपनाया जा सकता है.

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