पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि गठबंधन सहयोगी पीडीपी और बीजेपी अलग-अलग रास्तों की तरफ जा रहे हैं और महबूबा मुफ़्ती का कार्यालय में ही बने रहना इस संकटग्रस्त राज्य की मदद नहीं करेगा।
येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए भाजपा की बैठक में भाग लेने से लेकर कांग्रेस के साथ येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ विरोध करने तक, यह केपीजेपी विधायक अब तक तीन बार दल बदल चुके हैं.
कांग्रेस और जेडी(एस) को डर है कि भाजपा 2008 के सफल ‘ऑपरेशन कमल’ को दोहराएगी क्योंकि भाजपा ने दल बदल-विरोधी कानून को चकमा देने की कोशिश करते हुए सरकार बनाने में मदद के लिए खनन माफ़िया जी. जनार्दन रेड्डी को मैदान में उतार दिया है।
अपने क्षेत्रीय नेताओं की सलाह पर चलते हुए चुनाव से पहले कांग्रेस ने जेडीएस से गठबंधन नहीं किया लेकिन अगर उन्होंने साथ चुनाव लड़ा होता तो उन्हें 150 सीटों पर विजय प्राप्त होती।
ऑनलाइन सर्वेक्षण में 28% उत्तरदाताओं का कहना है कि सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी है, जोकि पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी उपलब्धि है, जबकि 43% उत्तरदाता असंतुष्ट हैं। बाकी उत्तरदाताओं का कहना है कि यह सरकार उनके अनुमान के अनुसार कार्य कर रही है।
‘पोस्ट-ट्रुथ’, ट्रम्प अभियान का एक उपहार, यानि कि एक ऐसी स्थिति जिसमें लोग तथ्यों पर ध्यान न देते हुए जो विश्वास करना चाहते हैं उसके आधार पर तर्क स्वीकार करने की अधिक सम्भावना रखते हैं।
मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के युग में भी कांग्रेस ने युवा पीढ़ी के समर्थन में पोस्टकार्ड के माध्यम चुने जाने के सवाल पर पार्टी ने कहा कि यह कार्य "राज्य में इंटरनेट और मोबाइल की "खराब सेवाओं" की समस्या को उजागर करने के लिए था
पार्टी की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीद की जा रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 15 करोड़ युवा पहली बार मतदान करेंगे। कांग्रेस इन नए मतदाताओं को लुभाने के बारे में विचार कर रही है।
इस बजट की सुर्खी बनने लायक एकमात्र बात मिडिल-क्लास को इनकम टैक्स में दी गई राहत है और सबसे साहसिक और सकारात्मक पहलू है परमाणु ऊर्जा एक्ट और ‘सिविल लायबिलिटी ऑन न्यूक्लियर डैमेज एक्ट’ में संशोधन का इरादा.