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Tuesday, 16 April, 2024
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भाजपा ने पुलवामा हमले पर सांसदों को दी चुप रहने की सलाह, उठी बदले की मांग

दिप्रिंट को कम से कम तीन सांसदों ने टेलीफोन कर अपना बयान यह कहकर वापस ले लिया कि इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए ऊपर से 'निर्देश' दिया गया है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के हाई कमान ने शुक्रवार को अपने सांसदों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि ‘पुलवामा आत्मघाती हमले’ को लेकर कोई बयान न जारी करें. यह निर्देश पुलवामा हमले के बाद किसी तरह के होने वाली राजनीति से बचने के लिए किया गया है, जिससे भारत द्वारा सही समय पर माकूल जवाब देने में कोई बाधा नहीं पहुंचे.

आतंकी आत्मघाटी हमले के बाद दिप्रिंट ने भाजपा के कई सांसदों से बातचीत की. उन सभी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए हमलावरों को जिन्होंने यह बर्बरतापूर्ण हमला किया है उन्हें करारा जवाब देने की बात कही.

दिप्रिंट को कम से कम तीन सांसदों ने टेलीफोन कर अपना बयान यह कहकर वापस ले लिया कि इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए ऊपर से ‘निर्देश’ दिया गया है. हालांकि भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता अनिल बलुनी ने ऐसे किसी निर्देश के जारी होने का खंडन किया है.

पाकिस्तान को चार भागों में बांट दो

जब भाजपा के सांसदों से पूछा गया कि भारत को इस हमले का बदला किस तरह लेना चाहिए तो बहुत सारे सांसदों ने बात की शुरुआत पाकिस्तान से की. गुरुवार के पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी, पाकिस्तान में बसे संगठन जैश-ए-मोहम्मद(जेएम) ने ली है. पाकिस्तान पर वर्षों से अपने जमीन पर आतंकवाद को पनाह देने के आरोप लगते आए है.

‘हमारे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बहुत अच्छे से जानते हैं कि इस मसले से कैसे निपटना है और सरकार ने इसको लेकर ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.’

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सांसद ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सेना को खुली छूट दे देनी चाहिए और उनसे किसी को कोई सवाल नहीं पूछना चाहिए. और इस बात का जिक्र देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले भी कर चुके हैं.’

गुजरात के एक सांसद ने कहा, ‘मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. यहां बात राजनीति की नहीं है. मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति बहुत है और हम जिसे चाहे उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह एक बड़ा हमला है और यह देश की इज्जत का सवाल है. ‘

सांसद ने कहा, ‘हम बदला लेंगे. मैं आपको भरोसा दिलाता हूंं कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को इस हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी. ‘

मध्यप्रदेश के भाजपा सांसद ने कहा कि ‘पाकिस्तान को चार भागों में बांट देना ही एकमात्र समाधान है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि सरकार को सीमा के आसपास के सारे आतंकवादी कैंप को तबाह कर देना चाहिए. केवल इतना ही नहीं, अगर शांति बहाल करनी है तो पाकिस्तान को चार भागों में बांट कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर फिर से दावा कर देना चाहिए.’

हम प्रधानमंत्री के निर्णय के साथ हैं

उत्तर प्रदेश के एक सांसद ने इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए और बदला लेने की बात कही.

सांसद ने कहा, ‘मैं शहीदों को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं. और एक बात मुझे पता है कि इस हमले से प्रधानमंत्री बहुत ज्यादा दुखी हैं. और मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम बदला लेकर रहेंगे.’

सांसद ने आगे कहा, ‘मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना चाहूंगा क्योंकि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है. और हम अपने शत्रु राष्ट्र को बख्शने के मूड में नहीं है.’

बिहार के एक सांसद ने कहा, ‘हम इस मसले पर निर्णय लेने का फैसला प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर छोड़ते हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि वे राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए बेहतर फैसला लेंगे. और हम उनके साथ खड़े हैं.’

महाराष्ट्र के एक सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से आतंकवाद पर कड़ा रवैया अपनाएगी. कल सीआरपीएफ जवानों पर हुई घटना दुखदाई है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान से सारे राजनयिक संबंध खत्म कर देने चाहिए और उसे इतना तंग करना चाहिए जिससे पाकिस्तान पर प्रभाव पड़े. सांसद ने आगे कहा कि मुझे यह भी लगता है कि सरकार में काबिल लोग बैठे हैं जो ठोस फैसले ले सकते हैं. हालांकि एक नागरिक के तौर पर मैं यह मानता हूं कि हमें आतंकवाद के खिलाफ त्वरित कदम उठाने चाहिए.

‘वहीं राजस्थान के एक सांसद ने कहा कि अब समय आ गया है कि आंतकवाद का सफाया किया जाना चाहिए.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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