नीतीश ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘जाति आधारित जनगणना के लिए बिहार के प्रतिनिधि मंडल के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. आदरणीय प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद कि उन्होंने 23 अगस्त को मिलने का समय दिया.'
मोदी सरकार के भीतर जाति जनगणना कराने को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं, खासकर कुछ नई वास्तविकताएं सामने आने या फिर नहीं आ पाने की वजह से नए तरह के जातीय टकराव को लेकर.
अन्नाद्रमुक में कई लोगों को यह लगता है कि भाजपा की 'बाहरी पार्टी" होने की छवि', 'हिंदुत्व का उसका एजेंडा और इसके कारण अल्पसंख्यक समुदायों के समर्थन की कमी के कारण गठबंधन से उल्टे नतीजे मिल रहे है.
पवार ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में आरक्षण 60 फीसदी से ऊपर है. उन्होंने कहा, ‘मोदी के सामने बोलने के लिए किसी को तो हिम्मत दिखानी होगी. संविधान संशोधन का एकमात्र मकसद धोखा है.’
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से लाए गए विवादास्पद कानून ने गैर-अधिवासियों के औद्योगिक उपयोग के लिए स्थानीय कृषि भूमि खरीदने पर लगी रोक हटा दी थी.