जगन रेड्डी और केसीआर की सरकारें जानती हैं कि ब्राह्मण चुनावी रूप से महत्वहीन हैं, लेकिन वे दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं. इस बीच, कर्नाटक में बीजेपी 'टेक इट फॉर ग्रांटेड' टैग से लड़ रही है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद (आई.आई.एम.आर.) किसानों को तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना में मदद और प्रशिक्षण देगा, किसानों, महिला समूहों और युवाओं को मिलेगा रोजगार.
मंदिर प्रशासन के प्रशिक्षण के लिए संस्थान शुरू करने से लेकर तमिल और संस्कृत में प्रार्थना के विकल्प अपनाने तक द्रमुक सरकार मंदिर सुधारों पर जोर दे रही है.
पेशे से वकील टिबरीवाल कलकत्ता उच्च न्यायालय में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के खिलाफ चुनाव बाद हिंसा को लेकर दायर मामलों की याचिकाकर्ताओं में से एक हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को अलीगढ़ पहुंच रहे हैं. इस दौरान नो जाटों को साधने के लिए जाट राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में बननेवाली राज्य सरकार के विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे.
किसानों का विरोध प्रदर्शन जमीनी स्तर पर जाटों और मुसलमानों को एक साथ जोड़ रहा है, जिससे एक नाजुक लेकिन महत्वपूर्ण एकता कायम हो रही है जो उत्तर प्रदेश की सत्ता में लौटने के भाजपा के प्रयासों को कमजोर कर सकती है.
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओवैसी प्रदेश की तीन दिन की यात्रा पर हैं. बाराबंकी में
आज होने वाली जनसभा को जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
‘लहर’ वाले चुनाव के दौरान मतदाताओं का उत्साह चरम पर होता है. एक बेहतर भविष्य की उम्मीदें रहती हैं, कभी-कभी प्रतिशोध का भाव भी रहता है. इन सबके मद्देनज़र 2024 का चुनाव अप्रत्याशित रूप से मुद्दा विहीन चुनाव नज़र आ रहा है.