भाजपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाया और राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध, पेपर लीक, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से घिरे होने का नैरेटिव बनाया.
2 अन्य लोगों में से, गणेश सिंह सतना में 2,400 से अधिक वोटों से पीछे चल रहे थे, जबकि ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते शाम 6 बजे तक निवास से 9,700 वोटों से हार गए थे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार पर निराशा जताते हुए कहा कि उनका दल इन राज्यों में खुद को मजबूत करेगा तथा विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के घटक दलों के साथ मिलकर अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपने आपको तैयार करेगा.
पीएम ने लिखा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि भारत की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ सुशासन और विकास की राजनीति में है, उनका भरोसा भाजपा में है.
2018 में, कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी, और मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह ने भाजपा को 2020 में मप्र में सरकार बनाने अवसर दे दिया.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मेंबर के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रेवंत रेड्डी ने अब राज्य में पार्टी को जीताकर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.