लोजपा द्वारा नीतीश कुमार की आलोचना करने, जबकि प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधे जाने के हालिया घटनाक्रम से ऐसी अटकलों को बल मिला है कि बिहार के मुख्यमंत्री का कद घटाने के लिए दोनों दलों के बीच मौन सहमति बन गई है.
नीतीश कुमार ने चुनाव के मद्देनजर प्रचार जोर शोर से शुरू कर दिया है. बांका में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों के लिए परिवार है, पति-पत्नी और बेटा-बेटी, जबकि हमारे लिए समस्त बिहार परिवार है.
दो मिनट का एक भोजपुरी गीत जिसका शीर्षक है, ‘बिहार में ई बा’ (ये है बिहार में), बीजेपी नीतीश कुमार की आगुवाई वाली, एनडीए सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहा है.
बिहार में चुनाव लड़ने के लिए बागियों को लोजपा से टिकट मिलने को लेकर भाजपा और उसके सहयोगी दल जदयू के बीच तनातनी की स्थिति बन रही थी. भाजपा ने यह कदम ओपिनियन पोल के बाद उठाया है जिसमें कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर के आसार बताए गए हैं.
राज्य और पार्टी का घाल-मेल कम्युनिस्ट तानाशाहियों की विशेषता रही है. पश्चिमी लोकतंत्र में कहीं ऐसा नहीं, पर भारत में वही कर डाला गया, जो संविधान को व्यवहार में तहस-नहस करके हुआ.
नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) रियल एस्टेट कंपनी व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन ने गुरुग्राम में अपनी आगामी आवास परियोजना के लिए अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स और कल्पतरु...