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Tuesday, 7 May, 2024
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बैंकों से परेशान किया जाना और हिडेन चार्जेज मोदी के PMJDY और फाइनेंशियल इन्क्लूज़न को धता बता रहे

सरकार ने लाभप्रदता में सुधार के लिए कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय किया है. लेकिन इन विलयों के कारण होने वाली जटिलताओं के बारे में उपयोगकर्ताओं को सूचित नहीं किया गया है.

‘भारत जोड़ो यात्रा के बाद शुरू होगी असली चुनौती’, क्या कांग्रेस कर पाएगी सत्ता में वापसी?

2024 लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस के लिए परिस्थितियां काफी चुनौती भरी रहने वाली है. कुछ चुनौतियों को पार करने के बाद ही 2024 का रास्ता कुछ आसान बनेगा.

UP के मंत्री और विधायक जब IAS को निशाना बना रहे हैं, तब योगी को क्यों याद आ सकती हैं शमशाद बेगम

यूपी और मध्य प्रदेश में सिविल सेवकों पर इसी तरह के हमले हो रहे हैं. लेकिन शिवराज सिंह चौहान के विपरीत, सीएम योगी ने चुप्पी साध रखी है.

कितने बचे हैं गांव? ‘भारत जिन गांवों का देश कहलाता था, वे अब कुछ कवियों की स्मृतियों भर में बचे हैं’

गांवों में आमतौर पर उन्हीं परिवारों के हालात थोड़े बेहतर हुए हैं, जिनमें ‘परदेस’ से थोड़े ज्यादा पैसे पहुंच रहे हैं.

तालिबान को गले लगाकर चीन मध्य एशिया में अपना लक्ष्य पा सकता है, पर इस्लामिक स्टेट ऐसा नहीं होने देगा

इससे पहले अमेरिका और यूएसएसआर की तरह, चीन को बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में अपनी शक्ति स्थापित कर लेना जरूरी नहीं कि अच्छी बात हो.

राजौरी के ढांगरी में हुए आतंकवादी हमले ने फिर महसूस कराई गांव सुरक्षा समितियों की जरूरत

ढांगरी गांव में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने कई कारणों से चिंताएं पैदा की हैं. इस हमले से आतंकवादियों ने न केवल अपनी उपस्थिति जाहिर करने की कोशिश की बल्कि इस सीमावर्ती क्षेत्र में आपसी भाईचारे को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है.

भारत का ग्रीन GDP सुधर रहा है मगर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कड़े कदम जरूरी हैं

जोशीमठ की धंसती जमीन ने पर्यावरण को लेकर व्यापक चिंताओं को जन्म दिया है, सरकार को इस मोर्चे पर उभर रहीं चेतावनियों पर ध्यान देने और जल संरक्षण को प्राथमिकता देने की जरूरत है.

जोशीमठ आज दरक रहा है लेकिन दशकों पहले विशेषज्ञ इसे लेकर चेतावनी दे चुके हैं

जोशीमठ के करीब दो बड़े विकासात्मक प्रोजेक्ट - NTPC थर्मल पावर प्रोजेक्ट और चार धाम की सड़क को चौड़ा करने का काम दोबारा से जांच के दायरे में आ गया है.

सबसे ताकतवर होने के बावजूद सबसे कमज़ोर क्यों हो गया है RSS

RSS चाहे चिर विद्रोही की भूमिका में रहा हो या सत्ता में, वह ‘अब्राहमवादी’ या साफ कहें तो मुस्लिम दुविधा से अभी तक उबर नहीं पाया है. क्या इस मामले में वह प्रगति कर सकता है? हम सरसंघचालक के अगले उद्बोधन या इंटरव्यू का इंतज़ार करेंगे.

3 कारण- सरकार क्यों भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति दस्तावेज़ को लेकर असमंजस में है

ऐसा लगता है कि सरकार-सेना में तालमेल नही है. एक औपचारिक एनएसएस के माध्यम से अपने विरोधियों को मंशा बताना तो दूर की बात है, बलों को कोई औपचारिक निर्देश नहीं दिया गया लगता है.

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भाजपा को बंगाली बनने की ज़रूरत है, रोशोगुल्ला से आगे बढ़िए, पान्ताभात खाइए, होदोल कुटकुट को जानिए

पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.

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ठाणे में ट्रक हादसे के बाद सड़क पर रसायनिक पाउडर बिखरा

ठाणे, सात मई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे में रसायनिक पदार्थ से लदे एक ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद सड़क पर रसायनिक पाउडर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.