सरकार ने लाभप्रदता में सुधार के लिए कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय किया है. लेकिन इन विलयों के कारण होने वाली जटिलताओं के बारे में उपयोगकर्ताओं को सूचित नहीं किया गया है.
ढांगरी गांव में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले ने कई कारणों से चिंताएं पैदा की हैं. इस हमले से आतंकवादियों ने न केवल अपनी उपस्थिति जाहिर करने की कोशिश की बल्कि इस सीमावर्ती क्षेत्र में आपसी भाईचारे को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है.
जोशीमठ की धंसती जमीन ने पर्यावरण को लेकर व्यापक चिंताओं को जन्म दिया है, सरकार को इस मोर्चे पर उभर रहीं चेतावनियों पर ध्यान देने और जल संरक्षण को प्राथमिकता देने की जरूरत है.
RSS चाहे चिर विद्रोही की भूमिका में रहा हो या सत्ता में, वह ‘अब्राहमवादी’ या साफ कहें तो मुस्लिम दुविधा से अभी तक उबर नहीं पाया है. क्या इस मामले में वह प्रगति कर सकता है? हम सरसंघचालक के अगले उद्बोधन या इंटरव्यू का इंतज़ार करेंगे.
ऐसा लगता है कि सरकार-सेना में तालमेल नही है. एक औपचारिक एनएसएस के माध्यम से अपने विरोधियों को मंशा बताना तो दूर की बात है, बलों को कोई औपचारिक निर्देश नहीं दिया गया लगता है.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.