जनरल कमर बाजवा राजनीति में फौज के सीधे दखल के खिलाफ प्रतीत होते हैं लेकिन, खादिम रिजवी और उनके साथी दबे-छिपे कह रहे हैं कि हो सकता है जनरल सही तबके के न हों।
यह कहानी है कि कैसे नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी, जसवंत सिंह और अविश्वसनीय रूप से मुलायम सिंह की बुद्धिमत्ता के बिना भारतीय वायु सेना का सुखोई-30 हासिल करने का सपना उड़ान भरने से पहले ही ध्वस्त हो गया होता।
यह समझ से परे है कि भाजपा जब भारत की सबसे मज़बूत पार्टी की स्थिति में है, तब वह जाति जनगणना जैसे विघटनकारी कदम को क्यों उठाए. अगर राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता ऐसी विघटनकारी राजनीति करते हैं, तो बात समझ में आती है. वे भाजपा के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ने के लिए बेताब हैं, लेकिन भाजपा क्यों?