हल्दिया से रवाना जहाज़ बनारस पहुंचने तक चार बार रुका, क्योंकि गंगा में पानी कम था. आनन-फानन में पानी भरकर माहौल बनाया गया लेकिन असल सवाल है कि गंगा में पानी कैसे आएगा.
‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ का विचार लगभग तीन दशकों से भारतीय राजनीति पर छाया हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ के जुमले को किसी ने अभी तक परिभाषित नहीं किया है.
मोदी ने लाल किले से धार्मिक झगड़ों को दरकिनार कर विकास के पथ पर बढ़ने का आह्वान किया था, लेकिन आज विकास की राजनीति मंदिर और मूर्ति के पीछे छुपती दिख रही है.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.