बयानबाजी से बचने की न्यायपालिका की अघोषित अचार संहिता को तोड़कर जजों ने जो संकट पैदा किया है वह क्या मोड़ लेगा, यह मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर निर्भर है.
अगर सरकार आप पर नजर रखना चाहे तो उसे 'आधार' को आधार बनाने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन गरीबों को अपने अधिकारों के लिए उसका सहारा लेने की जरूरत जरूर पड़ेगी.
चीन ने लोगों में, परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाया है और इसके भारी फायदे उसे मिल रहे हैं. भारत को अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए दोगुनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.
अन्नादुरै, करुणानिधि, एमजीआर और जयललिता सरीखे दिग्गजों के इर्दगिर्द घूमती रही तमिल राजनीति में आए बड़े शून्य को भरने की कोशिश करेंगे सुपरस्टार रजनीकांत.
जिग्नेश मेवाणी के उदय से कांशीराम की यादें हो गयीं ताजा. उनके लिए बढ़ी उत्सुकता को देखते हुए प्रस्तुत है उनसे पहली मुलाकात और उनकी राजनीतिक शैली का लेखाजोखा.
यह समझ से परे है कि भाजपा जब भारत की सबसे मज़बूत पार्टी की स्थिति में है, तब वह जाति जनगणना जैसे विघटनकारी कदम को क्यों उठाए. अगर राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता ऐसी विघटनकारी राजनीति करते हैं, तो बात समझ में आती है. वे भाजपा के राजनीतिक प्रभुत्व को तोड़ने के लिए बेताब हैं, लेकिन भाजपा क्यों?