योगी आदित्यनाथ मोदी-शाह के भस्मासुर हैं जो विभाजन पैदा कर सकते हैं पर फायदा नहीं दिला सकते. वह मोदी के तात्कालिक राजनीतिक भविष्य को भी बर्बाद कर सकते हैं.
वाजपेयी सरकार ने खाद्य पदार्थों की कीमतों को दबाया और इसकी कीमत चुकाई. मनमोहन सिंह की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस गलती को सुधारा और वे दोबारा सत्ता में आए.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.