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Wednesday, 5 February, 2025
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मत-विमत

क्या ‘पद्मावत’ का विवाद इसके लिए बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी है?

उड़ता पंजाब जैसी कुछ विवादास्पद फिल्में यह दर्शाती हैं कि फिल्म रिलीज होने से पहले ये एक विवाद से ज्यादा और कुछ भी नहीं है.

जब एक भारतीय समाचारपत्र ने अपनी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ को अपने प्रतिद्वंदी को सौंप दिया

एक कहानी कि कैसे दो तार्किक प्रतिद्वंदियों ने षडयंत्र रचते हुए आपस में ये सुनिश्चित किया कि एक महत्वपूर्ण कहानी का सफल प्रकाशन बाधित...

एएसईआर रिपोर्ट: हिंदी अभी भी आगे, लेकिन अंग्रेजी ज्यादा पीछे नहीं

भारतीय ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 46% किशोर/किशोरियां अब साधारण अंग्रेजी को समझ सकते हैं और इस भाषाई विजय का स्वागत करने की आवश्यकता है.  'प्रथम'...

जिग्नेश को भी समझना होगा सभी पत्रकारों को सुरक्षा और गरिमा अपवाद नहीं, सिद्धांत है

जिग्नेश अपनी आलोचनाओं को सहन करना सीखेंगे और ये भी सीखेंगे कि एक सार्वजनिक आयोजन में एक पत्रकार के प्रवेश को रोकना कभी भी...

असम में एनआरसी रिपोर्ट से भड़क सकती है जातीय हिंसा

यह आशंका तो बिल्कुल निराधार है कि असम एक मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा, फिर भी 'धरतीपुत्रों' की चिंताओं की अनदेखी नहीं की जा सकती.

भारतीय बैंकों के ज्यादातर ग्राहकों का रूझान अब बॉण्ड मार्केट की तरफ

बॉण्ड बाजार में जरा संभल के! अधिकतर खुदरा ग्राहकों, जो ज्यादा मुनाफे के लिए बॉण्ड मार्केट में पैसे लगा रहे हैं, को इससे जुड़े जोखिम का अंदाजा नहीं.

अब गेंद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के पाले में

बयानबाजी से बचने की न्यायपालिका की अघोषित अचार संहिता को तोड़कर जजों ने जो संकट पैदा किया है वह क्या मोड़ लेगा, यह मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर निर्भर है.

निराधार है यह ‘आधारोफोबिया’, सिर्फ ‘चीज और वाइन क्लास’ के लिए चिंता का विषय

अगर सरकार आप पर नजर रखना चाहे तो उसे 'आधार' को आधार बनाने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन गरीबों को अपने अधिकारों के लिए उसका सहारा लेने की जरूरत जरूर पड़ेगी.

दक्षिण एशिया में चीन की शातिर चालों का भारत को खोजनी होगी काट

चीन ने लोगों में, परियोजनाओं में निवेश को बढ़ाया है और इसके भारी फायदे उसे मिल रहे हैं. भारत को अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए दोगुनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.

क्या भ्रष्टाचार और सजा की जात होती है? बड़े-बड़े मामलों का मूल्यांकन तो यही कहता है

क्या ‘निचली’ जातियों और समूह के नेता ज्यादा भ्रष्ट होते हैं? यह सवाल तब भी उठा था जब एक मुकदमे में लालू यादव के खिलाफ फैसला आया था.

मत-विमत

मिडिल-क्लास को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बजट मिला है, मोदी उनकी नब्ज़ जानते हैं

केंद्रीय बजट 2025-26 के स्पष्ट लक्ष्य हैं: विकास को गति देना, भारत के उभरते मिडिल-क्लास की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना, प्राइवेट सेक्टर के निवेश को बढ़ावा देना और घरेलू भावनाओं को ऊपर उठाना.

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राजनीति

देश

दिल्ली में शाम पांच बजे तक 57.70 प्रतिशत मतदान हुआ

(तस्वीरों के साथ) नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाम पांच बजे तक 57.70 प्रतिशत मतदान हुआ। आधिकारिक आंकड़ों में यह...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.