बांग्लादेश में एक मज़बूत राजनीतिक ताक़त की मौजूदगी भारत के लिए बढ़िया है, ख़ास कर जब उसकी कमान नई दिल्ली से सहयोग करने वाली एक व्यक्ति के हाथों में हो.
बिहार के मुख्यमंत्री के भाषणों में ही नहीं, बिहार में भी ‘सुशासन’ गायब है. वहां मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. अब वे सुशासन का नाम लेने से बचते हैं.
बीजेपी सहमति से ही तलाक का कानून पारित करा सकती थी, लेकिन अपने अहंकार से उसने ये रास्ता नहीं चुना. मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय का कानून नहीं बन पाएगा.
पितृसत्ता पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ किया जाने वाला व्यवहार भर नहीं है. पितृसत्ता वह व्यवहार है जो समाज हम सबके साथ करता है, पुरुष और महिला दोनों के साथ.
गठबंधन पार्टियों का वोट शेयर कम नहीं हुआ है. इस चुनाव का मुख्य संदेश यही है कि आपका पक्का वोट बैंक कोई नहीं छीन सकता. “दूसरों” को जोड़ने के लिए आपको गठबंधन बनाना ही होगा.