किसानों को वित्तीय राहत देने के दबाव और किसी तरह की न्यूनतम आय के प्रावधान की जो बातें चल रही हैं उनके मद्देनजर संभव है कि भविष्य में पूरी दिशा उलट जाए.
भाजपा नेतृत्व में या तो गहरी हीन भावना है, जो अपने कट्टर निंदक बौद्धिकों से दबती है. केवल कांग्रेस की नक़ल की है, बुनियादी रूप से भिन्न नीति सोचा तक नहीं.
संविधान की प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन इंदिरा गांधी के शासन में आपातकाल के वक्त हुआ था. ये 42वां संशोधन, जिससे ऐसा लगा था कि सरकार कुछ भी बदल सकती है.
तमाम सर्वे बता रहे हैं कि भाजपा के आंकड़े इस बार बहुमत से नीचे ही रहेंगे. ऐसे में हम उन छह संभावनाओं का जायजा ले रहे हैं जो तय करेंगी कि कौन बनेगा अगला पीएम
गैरबराबरी के ये आंकड़े इस लिहाज से ज़्यादा चिंतनीय हैं कि ये हमारे दुनिया का सबसे ‘महान’जनतंत्र होने के दावे की कनपटी पर किसी करारे थप्पड़ से कम नहीं हैं.
रंग-बिरंगी लाइटिंग और चटख रंगों की पेंटिंग के बीच कराहते बनारस में एक कार्डियोलॉजिस्ट एम्स की मांग को लेकर आंदोलनरत है, ताकि लोगों को अच्छा इलाज मिल सके.
कांग्रेस के दोबारा मजबूत हुए बिना, बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती नहीं दी जा सकती. मोदी की पार्टी बढ़ रही है और वह भी लगभग पूरी तरह कांग्रेस की कीमत पर.