सार्थक गठबंधन के लिए वास्तविकताओं को स्वीकार करना, खुली चर्चा करना और सभी पक्षों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और आंतरिक मामलों का सम्मान करना आवश्यक है.
एक भगवाधारी सन्यासी की फोटो से परे जाकर स्वामी विवेकानंद के विचार और कर्म को समझने के जरूरत है. दरअसल वेदांत का दर्शन हिन्दू साम्प्रदायिकता की राजनीति की काट है, समता और बंधुत्व पर आधारित भारत के लिए खाद और पानी है.
बाजार केंद्रित सुधारों से बेजार होकर भारत दूसरे की तरह संरक्षणवाद और सरकार निर्देशित औद्योगिक निवेश की नीति अपना रहा है, जिसके साथ व्यापारिक संघर्ष और मुद्रास्फीति का जोखिम जुड़ा है.
भारतीय राजनीति में AAP के उदय ने कुछ राज्यों में कांग्रेस का समर्थन आधार कम कर दिया है, लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है कि कांग्रेस आप से हाथ मिलाने पर विचार नहीं करेगी.
केरल उच्च न्यायालय ने माना है कि सिर्फ इसलिए कि किसी संदिग्ध के फोन में अपराध के बारे में जानकारी है, पुलिस स्थापित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना इसे जब्त नहीं कर सकती है.
महाराष्ट्र की राजनीतिक लड़ाई से पता चलता है कि भारतीय राजनीति में अब विचारधारा मर चुकी है. अब राजनीति भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार-विरोध के बीच विभाजित हो गई है.
जब तक आईटीओ पर पुल नहीं बना था, लोहे का पुल यमुनापार में रहने वालों के लिए बाकी दिल्ली से जुड़ने का एकमात्र रास्ता था. 1976 में इस ब्रिज के बनने के बाद यमुनापार में रहने वालों की ज़िंदगी में थोड़ा सुकून आया.
अगर पीएम मोदी मणिपुर में शासन संकट से लेकर राज्यों में चुनावी हार तक का जवाबदेही तय करने का फैसला करते हैं, तो पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर सभी प्रमुख जिम्मेदार होंगे.
पश्चिम बंगाल में ‘घुसपैठिये’ या ‘तुष्टीकरण’ जैसे शब्द बहुत कम सुनाई पड़ते हैं, न ही ‘मंगलसूत्र’ या अमित शाह द्वारा ममता बनर्जी के ‘मां, माटी, मानुष’ नारे को ‘मुल्ला, मदरसा, माफिया’ में बदलने जैसे वाक्या सुनाई देते हैं.