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Wednesday, 25 December, 2024
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भारत में स्ट्रेस के विषय पर बात करने का समय आ गया है क्योंकि अब गुरु भी आ रहे हैं इसकी चपेट में

अपने योग और आयुर्वेद के बावजूद अधिकांश शीर्ष-स्तरीय आध्यात्मिक पुरुष भारत में अविश्वसनीय रूप से उन्मादपूर्ण जीवन जीते हैं।

नेहरू से एनडीए तक : भारतीय राजनीतिक पार्टियों की दास्‍तान-ए-इफ़्तार

राजनीतिक दल केवल कुछ जाने पहचाने मुस्लिमों के लिए इफ़्तार पार्टियों की मेजबानी करते हैं, जिन्हें मुस्लिम मतदाताओं तक पहुँचने के लिए प्राथमिक रूप से प्रमुख हितधारकों के रूप में चुना जाता है।

पहले ओआरओपी, अब छावनी की सड़कें: भारत में मिलिट्री का हो रहा राजनीतिकरण

लोकतंत्र में पूर्व सैनिकों के राजनीतिक करियर एक स्वीकार्य विशेषता की तरह लग सकते हैं, लेकिन सेना के राजनीतिकरण के खतरों को कम आंकना बेवकूफी होगी।

प्रियंका चोपड़ा हिन्दुओं से माफ़ी मांग सकती हैं तो मुसलमानों से माफ़ी क्यों नहीं मांगते सन्नी देओल?

फिल्मों में मुस्लिमों का अति-सरल वर्गीकरण, जहां बहुमत को आतंकवादी या उनका सहानुभूतिकार माना जाता है, दोहरे मानकों से भरा हुआ है।

ब्राह्मणवादी विचारधारा पर एक थप्पड़ है ‘काला’ : जिग्नेश मेवाणी

बहुत सारे दलित कार्यकर्ता और प्रगतिशील शक्तियां इस फिल्म को देखेंगे और स्वयं में ‘काला’ की छवि भी देखेंगे।

सामान्य लोगों की तुलना में ऐसे क्या गुल खिला देंगे आईएएस अफसर?

हम अब एक ऐसी प्रणाली में हैं जहाँ एक आलू विशेषज्ञ रक्षा की देखभाल कर रहा है, एक पशु चिकित्सक इंजीनियरों की देखभाल कर रहा है और एक इतिहास स्नातक स्वास्थ्य नीति पर निर्देश दे रहा है।

प्रणब को आरएसएस से क्या मिला पता नहीं, किंतु मुझे दो बड़े फायदे हुए

प्रणब मुखर्जी का नपा-तुला ‘कदाचार’ मुझे आरएसएस द्वारा की गयी दोहरी तरफ़दारी, जिसे मेरे माता-पिता ने साभार स्वीकार किया था, का खुलासा करने के...

क्या है देश के लिए बेहतर – देसी मारुति सुजुकी या अंग्रेज़ी जैगुआर लैंड रोवर?

नीति आयोग के उपाअध्यक्ष राजीव कुमार को कंपनी-स्वामित्व वाली अपनी टिप्पणी पर सही होने के लिए पूरे अंक। लेकिन मारुति-जैगुआर लैंड रोवर का उदाहरण पूरी कहानी नहीं है।

हड़बड़ाई मोदी सरकार का लड़खड़ाता बैलेंस: कैसे आखिरी साल में फूंक-फूंक कर ले रही कदम

उप चुनाव में मिलने वाली हारों ने मोदी सरकार को घबराहट की मुद्रा में पहुँचा दिया है। अप्रत्याशित रूप से इसकी कार्य प्रणाली घटनाओं द्वारा निर्देशित हो रही है।

बेंगलुरु के पास है एक ‘एप्रूव्ड पेट लिस्ट’ जिसमें गोल्डन रिट्रीवर के लिए नहीं है जगह

नए नियमों के अनुसार आप बीगल, कॉकर स्पैनियल, बॉक्सर, या भारतीय कुत्ते नहीं रख सकते ,‘जर्मन शेफर्ड’ के मालिकों को भी अपने कुत्तो के मुँह पर जाली लगा कर रखना पड़ेगा।

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एनईसी की पूर्ण बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा हुई : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

अगरतला, 25 दिसंबर (भाषा)त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार को बताया कि उन्होंने हाल में संपन्न पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के पूर्ण अधिवेशन में...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.