यह कितना पैशाचिक है, यहाँ पढ़ें। सिलसिलेवार धमाकों के बाद शूरू होने वाले दंगों के लिए 71 एके, 500 ग्रेनेड और 3.5 टन आरडीएक्स को सुरक्षित स्थानों पर छिपाया गया था। अकेले बॉम्बे ने ही भारत को बचा लिया और आईएसआई को नाकाम कर दिया
नीतीश कुमार ने हमेशा दूसरों की बैसाखी पर विशुद्ध सहुलियत भरी राजनीति की है। अब उनका सामना मोदी-शाह की तानाशाही वाली भाजपा से हुआ, तो इनके होश उड़े हुए हैं
अगर प्रधानमंत्री इन व्हाट्सएप अफवाहों का शिकार न होने का अनुरोध करते हैं तो इससे कुछ फर्क पड़ सकता है। लेकिन कोई भी उनसे ऐसा करने के लिए नहीं कह रहा है। नरेंद्र मोदी के समक्ष यह पूछने में कई हफ्ते लग जाते हैं कि किसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं।