scorecardresearch
Monday, 17 November, 2025
होममत-विमत

मत-विमत

दो का पहाड़ा पढ़ने में व्यस्त सरकार आत्मबोधानंद से बात नहीं करना चाहती

आत्मबोधानंद उन्हीं चार मांगों पर अनशन कर रहे हैं जिन पर अडिग जीडी अग्रवाल ने शहादत दे दी थी, पर सरकार केवल सफल कुंभ के आयोजन व नमामि गंगे के प्रचार से काम चला रही है. उसने अभी तक उनसे बात भी नहीं की है.

गठबंधन जरूरी है, मज़बूत सरकारों ने लोकतांत्रिक संस्थानों को ज्यादा आघात पहुंचाया है

1977 के बाद देश के तमाम राज्यों में क्षेत्रिय दलों का तेज़ी से उभार शुरू हो गया. इन दलों ने उन क्षेत्रिय मुद्दों और समस्याओं के आधार पर जनप्रचार कर जनाधार बनाना शुरू कर दिया.

सऊदी प्रिंस को गले लगा लिया मोदी ने, नाराज होने से पहले जरा हकीकतों पर गौर कर लीजिए

नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से भारत के रिश्ते में पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर खटास न देकर समझदारी ही दिखाई. वे मनमोहन सिंह की पहल को ही जोरदार ढंग से आगे बढ़ा रहे हैं.

स्नेहा, ये तो बताओ कि तुम्हारी जाति क्या है?

पहली बार देश में ये माना गया है कि कोई व्यक्ति जाति और धर्मविहीन हो सकता है. सरकार ने इसका सर्टिफिकेट जारी किया है. ये एक बड़ी सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो सकती है.

कोई महिला बुर्क़ा पहनना चाहती है, तो आपको क्या दिक्कत है?

कोई महिला क्या पहनना चाहती है, उस महिला पर ही छोड़ देना चाहिए. जो लोग बुर्का पर विवाद करना चाहते हैं, वे खुद अपने परिवार के पहनावे पर कभी बात नहीं करते.

बाबा साहेब से जुड़ गई है रविदास की वैश्विक परंपरा

रैदास ने भारतीय समाज की बुराइयों को खत्म करके एक आदर्श समाज बनाने की कल्पना की थी, जहां किसी को कोई कष्ट न हो. टेक्स्ट बुक में उनके बारे में खामोश हैं.

जब मुम्बई में दीये से लड़कर हार गया था तूफान!

जार्ज फर्नांडिस ने 48.5 प्रतिशत वोट के साथ मुंबई में एस. के. पाटिल को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. जार्ज की इस जीत ने सिद्ध किया था कि प्रतिद्वंद्वी कितना भी मजबूत क्यों न हो, बिना साधन वाला व्यक्ति भी युक्ति से हरा सकता है.

इमरान ख़ान एक जिहादी टाइम बम पर बैठे हुए हैं, पुलवामा हमले के सबूत मांगना महज बहानेबाज़ी है

दुनिया के अधिकतर देश पाकिस्तान के आचरण को समझते हैं, और यह मौलाना मसूद अज़हर के खिलाफ कार्रवाई की लगभग सार्वभौम मांग से स्पष्ट है.

पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बैंक बैलेंस बढ़ाना आता है, आतंकी हमले पर ग़म जताना नहीं

आए दिन पाकिस्तान के जो खिलाड़ी ये कहते रहते थे कि उन्हें हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा प्यार मिला है, आतंकी हमले पर बोलने से उनकी जुबां किसने सिल दी है?

क्या मुलायम सिंह नहीं चाहते कि मायावती और अखिलेश साथ आएं?

राजनीति सत्ता का खेल और इसमें सिद्धांतों की बात बेमानी है. मुलायम सिंह इस बात को न सिर्फ मानते हैं, बल्कि इस पर अमल भी करते हैं.

मत-विमत

हिसाब साफ है, रूसी तेल की खरीद भारत के लिए घाटे का सौदा बन गया है

इस सौदे का नतीजा यह निकला है कि श्रम आधारित सेक्टरों के लाखों कामगारों को होने वाला लाभ चंद बड़ी रिफाइनरियों को सौंप दिया गया है.

वीडियो

राजनीति

देश

केरल: बीएलओ का एसआईआर कार्य का बहिष्कार; विपक्ष ने अधिकारी की आत्महत्या को लेकर जांच की मांग की

तिरुवनंतपुरम, 16 नवंबर (भाषा) केरल में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने कथित तौर पर काम के तनाव के कारण एक अधिकारी द्वारा आत्महत्या किए...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.