ट्विंकल खन्ना और अक्षय कुमार जिस तरह से अपनी राजनैतिक ब्रांडिंग का लाभ उठाते हैं , उसके मद्देनज़र उन्हें बॉलीवुड के किम कार्दशियन और कान्ये वेस्ट कहना गलत नहीं होगा.
वर्तमान बांग्लादेश को हेमलेट की तरह ही उस सवाल का सामना करना होगा जो उसे परेशान करता था. 1971 में 75 मिलियन सपनों से जन्मा बांग्लादेश बनना है या नहीं? या उसका व्यंग्य?