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Saturday, 18 May, 2024
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विदेशी कंपनियां भारतीय उद्यमियों की जगह ले रही है, जोकि धूल फांक रहे हैं

सुज़ुकी का आधे कार बाज़ार पर कब्ज़ा है, चीनियों का मोबाइल फोन क्षेत्र पर और कोरियाइयों का उपभोक्ता सामान सेक्टर पर. और एतिहाद शायद जेट को उड़ाने लगे. विदेशी खिलाड़ियों के बिना भला हम कहां रहेंगे?

समानता और स्वच्छता के पहले प्रतीक गांधी नहीं, संत गाडगे हैं!

गांधी का स्वच्छता अभियान एक राजनीतिक मुहिम थी, जिसका उद्देश्य दलितों को कांग्रेस से जोड़ना था. इसके उलट संत गाडगे बाबा के लिए यह जीवन पद्धति थी.

बदला लेने से ज़्यादा ज़रूरी है दुश्मन के दिलो-दिमाग में खौफ़ पैदा करना

सवाल यह है कि बदले के बाद क्या? क्या इससे हमेशा के लिए अमन और सुरक्षा पक्की हो जाएगी, या यह सिर्फ एक सुर्खी, एक आयोजन बनकर रह जाएगा?

मी लार्ड! हमें भी चाहिए ऐसी सज़ा, आपको दुआ देंगे: देश के किसान

उद्योगपति अनिल अंबानी व एरिक्सन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कर्ज़मंद किसानों ने गुहार लगानी शुरू कर दी है कि उन्हें भी ऐसी सजा से नवाज़ा जाय.

मुलायम के दांव से बीएसपी का निकल सकता है दम

मुलायम सिंह जो कर रहे हैं, उससे सपा और बसपा की चुनावी संभावनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है. इसका ज्यादा नुकसान बीएसपी को होगा, क्योंकि सपा में फैली उलझन के कारण सपा का वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हो पाएगा.

दो का पहाड़ा पढ़ने में व्यस्त सरकार आत्मबोधानंद से बात नहीं करना चाहती

आत्मबोधानंद उन्हीं चार मांगों पर अनशन कर रहे हैं जिन पर अडिग जीडी अग्रवाल ने शहादत दे दी थी, पर सरकार केवल सफल कुंभ के आयोजन व नमामि गंगे के प्रचार से काम चला रही है. उसने अभी तक उनसे बात भी नहीं की है.

गठबंधन जरूरी है, मज़बूत सरकारों ने लोकतांत्रिक संस्थानों को ज्यादा आघात पहुंचाया है

1977 के बाद देश के तमाम राज्यों में क्षेत्रिय दलों का तेज़ी से उभार शुरू हो गया. इन दलों ने उन क्षेत्रिय मुद्दों और समस्याओं के आधार पर जनप्रचार कर जनाधार बनाना शुरू कर दिया.

सऊदी प्रिंस को गले लगा लिया मोदी ने, नाराज होने से पहले जरा हकीकतों पर गौर कर लीजिए

नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से भारत के रिश्ते में पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर खटास न देकर समझदारी ही दिखाई. वे मनमोहन सिंह की पहल को ही जोरदार ढंग से आगे बढ़ा रहे हैं.

स्नेहा, ये तो बताओ कि तुम्हारी जाति क्या है?

पहली बार देश में ये माना गया है कि कोई व्यक्ति जाति और धर्मविहीन हो सकता है. सरकार ने इसका सर्टिफिकेट जारी किया है. ये एक बड़ी सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो सकती है.

कोई महिला बुर्क़ा पहनना चाहती है, तो आपको क्या दिक्कत है?

कोई महिला क्या पहनना चाहती है, उस महिला पर ही छोड़ देना चाहिए. जो लोग बुर्का पर विवाद करना चाहते हैं, वे खुद अपने परिवार के पहनावे पर कभी बात नहीं करते.

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शक्सगाम घाटी में सड़क बनाने की चीन की मंशा से भारत की सुरक्षा को खतरा नहीं, राजनीतिक पहलू पर गौर कीजिए

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा विरोध दर्ज करने से ज्यादा-से-ज्यादा यह मकसद सध सकता है कि भारत अपना दावा बनाए रख सकता है. कोई और मकसद सधेगा, इसकी उम्मीद रखना बेमानी है.

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मालदीव के साथ भारत की रक्षा, सुरक्षा भागीदारी में क्षमता निर्माण एक महत्वपूर्ण घटक : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव के साथ भारत की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी में क्षमता निर्माण...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.