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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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क्यों अनुबंध खेती का अध्यादेश किसानों, खरीदारों और व्यापारियों के लिए लाएगा फायदा ही फायदा

लेकिन मोदी सरकार का यह अध्यादेश अनुबंध खेती में सरकारी दखल की गुंजाइश भी छोड़ता है, जिस पर संसद को विचार करना चाहिए जब इसे कानून बनाने के लिए पेश किया जाएगा.

चीन का ‘नदी बम’ तैयार है और बचने की हमारी तैयारी शून्य है

गलवान घाटी की कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जो यह बता रही है कि गलवान नदी पर चीन एक बांध बनाने की कोशिश कर रहा है.

चीन एलएसी पर जमीन हथियाने के लिए नहीं बल्कि भारत को ये जताने के लिए है कि ‘बिग ब्रदर’ कौन है

भारत की कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही पीएलए चीन के सैन्य उद्देश्यों को हासिल करने के तरीके तय करेगा.

कोरोना महामारी और चीन सीमा संकट के बीच बीजेपी का फोकस बिहार चुनाव पर

अगर एनडीए बिहार जीत लेता है तो वह ये कह पाएगा कि कोराना और चीन के मामले में उसकी नीतियों को जनता का समर्थन हासिल है. इसका फायदा उसे पश्चिम बंगाल समेत अन्य आने वाले विधानसभा चुनावों में भी होगा.

जब तक एलएसी पर गतिरोध जारी रहेगा, तब तक पाकिस्तानियों को चीनी हित में राष्ट्रीय हित नजर आएगा

फिलहाल पाकिस्तानी लोग खुश हैं कि भारत कूटनीतिक रूप से अलग थलग पड़ गया है. अब उनसे यह मत पूछिए कि यह कैसे हुआ.

आपातकाल के बाद की पीढ़ी उस दौर में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका और मीडिया सेंसरशिप को किस रूप में देखे

जब आपातकाल के 45 बरस बाद 2020 में हम पीछे मुड़कर उन परिस्थितियों को देखते हैं तो उस दौर में खींची गईं सारी लकीरें स्पष्ट नज़र आती हैं.

भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कैसे कब्ज़ा जमाया और क्यों चीन इस स्थिति को नहीं बदल सकता

इंदिरा गांधी के समय तक कांग्रेस ने सहजता से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर नियंत्रण कर रखा था. लेकिन 1990 के दशक के मध्य से पांच उपायों के सहारे भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हावी होते गई.

यह कोई आपातकाल नहीं है, मोदी-शाह की जोड़ी लोकतंत्र का इस्तेमाल करके ही लोकतंत्र को खत्म कर रही है

आज के वक्त की तुलना इमरजेंसी के दौर से करने में लगे हैं तो एक बात हमारी नजरों से ओझल हुई जा रही है कि संविधान के लागू होने के साथ इस देश में गणतंत्रात्रिक मुल्क होने का जो पहला अध्याय खुला था, वो कब का बंद हो चुका है.

नेहरू से लेकर मोदी तक किसी ने सरदार पटेल की चीन नीति को नहीं समझा

चीन के विस्तारवाद के खिलाफ भारत का बेहद सख्त रुख चाहते थे सरदार पटेल. उन्होंने कहा था कि भारत को एक साथ दो मोर्चों- चीन और पाकिस्तान पर भिड़ना है. खासकर तिब्बत संबंधी चीन की नीति को लेकर वे सशंकित थे.

गलवान संघर्ष एक निर्णायक मोड़ है जब भारतीय सैनिकों ने चीनियों के छक्के छुड़ा दिए

भारतीय लोकतंत्र की अराजक प्रकृति ने 19 जून की सर्वदलीय बैठक में दिए गए भ्रामक संदेशों के बवंडर से प्रधानमंत्री मोदी को बचा लिया, लेकिन गलवान संघर्ष के दो संदेश दुनिया तक पहुंच चुके हैं.

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धार्मिक स्वायत्तता भी सीमित है, पटना के इमारत-ए-शरीयत के विरोध में हाशिए पर रहे पसमांदा मुसलमान

संविधान सिर्फ किसी समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता या सामूहिक धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए ही नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के मूल अधिकारों की भी सुरक्षा करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि से हो.

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जीटीआरआई ने अमेरिका से आनुवंशिक रूप से संशोधित कृषि उत्पादों के आयात के प्रति आगाह किया

नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने शनिवार को आगाह किया कि प्रस्तावित व्यापार समझौते के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.