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Friday, 19 September, 2025
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बीजेपी सिर्फ सरकार नहीं चला रही है, वो ये भी तय कर रही है देश में किन मुद्दों पर चर्चा होगी

बीजेपी न केवल चुनाव जीत कर आ रही है बल्कि उसने बिजनेस घरानों, संवैधानिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, बालीवुड, खेलकूद, मीडिया, सोशल मीडिया आदि में मजबूती से जगह बनाई है.

90 के दशक में राम का विरोध आसान था, 2020 में कृष्ण जन्मभूमि अभियान यादवों के लिए सेक्युलर टेस्ट होगा

हिंदुओं ने मथुरा आंदोलन की शुरुआत के साथ मथुरा में एक कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना भी कर दी है. इसके हेड आचार्य देव मुरारी ने कहा है कि वे एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं.

अमेरिका ने चीन से अलग होना शुरू कर दिया है, भारत को कम नुकसान हो इसपर मोदी सरकार को काम करना चाहिए

इसके लिए तो खुद चीन ही जिम्मेदार है, उसने अपनी आर्थिक ताकत का बार-बार और प्रायः बेजा इस्तेमाल करके दूसरे देशों को नुकसान पहुंचाया और इन पर अपनी मनमर्जी चलाई.

मायावती-अखिलेश की नजरों में महान परशुराम ज्योतिबा फुले की नजरों में क्रूर और हिंसक क्यों

सपा और बीएसपी एक साथ फुले और परशुराम को साध रही हैं. ये लगभग वैसा है कमाल है जो आरएसएस और बीजेपी गांधी, गोडसे, आंबेडकर और सावरकर को एक साथ साधकर करती है.

हुसैन शाही की कृष्ण भक्ति और मुगलों का मथुरा से संबंध– मुस्लिम शासकों से जुड़े अनजान तथ्य

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद दक्षिणपंथी टीकाकारों ने दावा किया कि मंदिर का ‘पुनर्निर्माण अपने पूर्वजों के प्रति भारतीयों की सभ्यातागत जिम्मेदारी है’. इससे अधिक दकियानूसी बात और कुछ नहीं हो सकती.

कोरोनावायरस महामारी का ‘अंत’ कब होगा? फरवरी 2021 में

ये वैज्ञानिकों की बुद्धिमता है कि वे महामारी के अंत की भविष्यवाणी के खेल में नहीं पड़ते क्योंकि यह अनेक कारकों पर निर्भर करता है.

चीन-पाकिस्तान के बीच खुफिया साझेदारी भारत के लिए चिंताजनक, गलवान विवाद से पहले चीनी सेना को सूचना देने की बात आ रही है सामने

एक रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि लद्दाख के गलवान में चीन और भारत की सेनाओं के बीच तनातनी से पहले पाकिस्तान ने चीन को खुफिया सूचनाओं की साझेदारी के आपसी समझौते के तहत कुछ गुप्त सूचनाएं जरूर दी होंगी.

न मोदी और न ही योगी, भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश में 2022 का चुनाव राम बनाम बाकी सबका होगा

निष्कर्ष यही है कि राम 2022 के यूपी चुनाव में भाजपा का प्रमुख कार्ड बनने जा रहे हैं लेकिन यह मोदी-शाह की सबसे सशक्त तरकीब ‘यह बनाम वह’ का ही हिस्सा है.

गैर-महत्वपूर्ण सेक्टरों से मोदी सरकार का हाथ पीछे खींचना क्यों अच्छा कदम है

बाज़ार में सरकार का दखल कभी कभार तो चल सकता है मगर यह नियम नहीं बनना चाहिए. विनिवेश की ताज़ा पहल सही दिशा में उठाया गया कदम है. 

कपिल सिब्बल की पब्लिक लिमिटेड कंपनी में राहुल गांधी क्यों फिट नहीं बैठते हैं

सिब्बल जैसे अडिग आशावादियों के लिए ही वर्षों पहले काशीनाथ सिंह ने अपनी किताब ‘काशी का अस्सी ’ में लिखा था: ‘कांग्रेस का हुक्का तो कब का बुझ गया, एक हम हैं कि गुरगुराए जा रहे हैं.’

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राजस्थान: ओम बिरला ने बूंदी के बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की

कोटा, 18 सितंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को बूंदी जिले के बाढ़ प्रभावित कई गांवों का दौरा किया और वहां जारी...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.