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सोमवार, 5 मई, 2025
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संसद की बहसों की गंभीरता से लिया गया होता तो चीन को लेकर गफलत न होती

चीन की सीमा संबंधी हरकतों को लेकर कोई कह सकता है कि चीन ने हमें धोखा दिया. लेकिन सरकार और मीडिया ने संसद में इस बारे में बीसियों बार उठे सवालों को अगर गंभीरता से लिए होता, तो देश इस स्थिति के लिए तैयार होता.

कोरोना महामारी के बीच अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संपूर्ण विश्व भारत की ओर देख रहा है

भारत के पास मौका है की कोरोना जैसे महासंकट में अपने प्राचीन ज्ञान योग को जाने, समझे और धारण करे, साथ ही साथ विश्व को भी इस विशेष ज्ञान योग के द्वारा मार्गदर्शन दे.

वैश्विक शांति और सद्भाव का प्रवेश द्वार है योग: रमेश पोखरियाल निशंक

योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का उपचार करने में मदद करता है बल्कि भावनात्मक और मानसिक सेहत भी सुधारता है. यह आपके जीवन में वर्षों को ही नहीं, आपके वर्षों में जीवन को भी जोड़ता है.

चीन के बारे में राममनोहर लोहिया के विचार बिल्कुल ठीक थे, वो न ही कट्टर थे और न ही आदर्शवादी

हिमालयी क्षेत्र के जो हिस्से भारत के इलाके में पड़ते हैं उनके बारे में लोहिया का ख्याल था कि यहां मुक्त लोकतांत्रिक राजनीति होनी चाहिए, स्थानीय लोगों की आर्थिक खुशहाली के काम होने चाहिए और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के कदम उठाये जाने चाहिए.

शी ने मोदी के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, नेहरू की तरह वो इसे स्वीकार ले या फिर नया विकल्प चुन सकते हैं

अपने पूर्ववर्तियों की तरह मोदी ने भी भारत-पाकिस्तान-चीन के त्रिशूल से मुक्त होने की कोशिश की मगर नाकाम रहे. अब आगे वे जो भी करना चाहेंगे उसका अर्थ होगा नए समझौते करना. 

चीन को आर्थिक नुकसान पहुंचाना है तो ध्यान से निशाना साधना होगा, कहीं भारत खुद को ही न चोट पहुंचा ले

चीन सालाना करीब 2.5 खरब डॉलर मूल्य का निर्यात करता है जिसमें भारत का हिस्सा महज 3 प्रतिशत है. चीन के पास 3 खरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. अब आप ही अंदाजा लगा लीजिए कि उसके सामान के बहिष्कार के नारे लगाकर हम उसे कितनी चोट पहुंचा पाएंगे.

रेटिंग एजेंसियों पर सवाल उठाने की जगह कारणों पर विचार करें, यह पूरी इकोनॉमी का हेल्थ चेक-अप होता है

मूडीज ने कहा है कि भारत के बारे में उसकी मौजूदा रेटिंग का कोविड-19 से कोई लेनादेना नहीं है. भारत को लेकर उसका आकलन इसके पहले का है. आर्थिक सुधारों को आगे न बढ़ा पाने से भारत की रेटिंग खराब हुई है.

भारत के समाजवादी नेताओं ने चेताया था कि चीन सबसे बड़ा दुश्मन है लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने नज़रअंदाज किया

राम मनोहर लोहिया से लेकर जॉर्ज फर्नांडीस और मुलायम सिंह यादव जैसे समाजवादी विचारक और नेता हमेशा ये कहते रहे हैं कि भारत की विदेश नीति के केंद्र में चीन को होना चाहिए.

गलवान में भारतीय सैनिकों पर हमले के बाद चीन खुद को पीड़ित बता रहा है, दिल्ली को इस झांसे में नहीं आना चाहिए

चीन ने 1962 के युद्ध के मात्र चार महीने बाद ही विवादित लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पीओके के इलाकों में नियंत्रण बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किया थे.

मोदी सरकार ने कृषि सुधारों पर जो कहा वो कर दिखाया, अब बारी खामियों को दूर करने की है

मोदी सरकार ने कृषि सुधारों पर अपने नीतिगत बयानों को कार्यरूप देने के लिए वास्तविक कानूनी बदलाव किए हैं. उनकी पूर्ण क्षमता को हासिल करने के लिए उसे अब खामियों को दूर करना चाहिए.

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