कम से कम इतनी सीटें तो आरजेडी को खुद लड़नी ही चाहिए कि वो अपने दम पर बिहार विधानसभा में बहुमत यानी 122 का आंकड़ा पार कर ले. समर्थक दल के विधायक किसी भी नाजुक मौके पर बीजेपी के साथ हो लेंगे.
सरकार की सहायता के बिना, जावेद आबिदी फाउंडेशन ने 284 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को बताया कि कैसे विकलांग छात्र ऑनलाइन शिक्षा सहित कई मुद्दों की जानकारी दी.
एक सवाल ये कि उपश्रेणियों को बनाने का आधार क्या हो? अगर कोई ठोस कसौटी तय नहीं होती तो फिर बात मनमाने की हो सकती है, कोई चाहे जिस जाति समूह को कोटे की किसी भी उपश्रेणी में मनमाने तरीके से रख दे.
छोटे-मोटे ऑपरेशन में कामयाबी से भारत को बहुत खुश नहीं होना चाहिए क्योंकि चीन इसका उस तरह जवाब नहीं देगा जिस तरह हम पिछले चार महीनों से उसे देते आ रहे हैं.
आरएसएस और अनुषंगी संगठन राजनीतिक उद्देश्यों से या फिर अनजाने में ये समझ बैठे हैं कि ईसाई मिशनरियों की धर्म परिवर्तन कराने की बहुत बड़ी क्षमता है और उन्हें न रोका गया तो करोड़ों हिंदू ईसाई बन जाएंगे.
सीएए, कश्मीर और जलवायु परिवर्तन पर मुखर रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बाइडेन का भारत संबंधी रुख डोनाल्ड ट्रंप से बिल्कुल अलग रहा है.
नरेंद्र मोदी और अमित शाह राजनीति के मामले में तो माहिर खिलाड़ी हैं लेकिन अर्थव्यवस्था को संभालने का गुर भलीभांति नहीं जानते जबकि यह उनकी राजनीति के लिए बेहद अहम है.
दुर्रानी को एनएसए बनाकर पाकिस्तान ने बड़ी छलांग लगाई थी, लेकिन हैरानी नहीं कि वे एक साल भी इस पद पर नहीं रह पाए. 26/11 कांड को पाकिस्तानी फौज/आईएसआई की धोखाधड़ी मानते हुए परेशान होकर उन्होंने किनारा कर लिया.