विदेशों में हिंदुत्व की राजनीति खासकर उसके सांप्रदायिक चरित्र की कोई प्रतिष्ठा नहीं है. वहां तो बुद्ध का ही नाम चलता है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ को संबोधित करते हुए आष्टांगिक मार्ग का जिक्र किया.
सोशल मीडिया पर कई ब्राह्मणों का आरोप है कि सीएम आदित्यनाथ ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा करते रहे हैं. वे ऐसे कई उदाहरणों को सूचीबद्ध कर रहे हैं जहां एक ब्राह्मण की हत्या कर दी गई थी.
चीन के खिलाफ हरेक कदम की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए मोदी सरकार पर दबाव डालने को भारत के सुरक्षा और रणनीति मानकों के अनुरूप सही नहीं ठहराया जा सकता है.
यह हमेशा ही एक बड़ा सवाल रहा है कि भारत में सहकारी बैंकों को कौन नियंत्रित करता है, राज्य या केंद्र. अध्यादेश ने आरबीआई को विफल बैंकों के मामले में दखल का अधिकार दे दिया है.
टिकटॉक पर थिरकते हुए हम हाल के वर्षों में चीनी तकनीक के गुलाम हो गए, हमें यहां से अपना रास्ता बदलना होगा और अपनी बुनियादी संरचना खड़ी करनी होगी. वरना चीन की जगह हम किसी और पर निर्भर हो जाएंगे.
इस्लामाबाद में कृष्ण का मंदिर बनाने की इजाजत न देना हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तान का एक और ‘गुनाह’ ही है क्योंकि हिंदुओं को भी संविधान के तहत समान अधिकार हासिल हैं.
ओबीसी कोटा अब तक आधा ही भर पाया है, वैसी स्थिति में अगर सरकार नौकरीपेशा लोगों के बच्चों को ओबीसी से बाहर करके ओबीसी कैंडिडेट की संख्या को और कम कर देती है तो इसका फायदा सिर्फ और सिर्फ सवर्णों को होगा.
एर्दोआन की सोच अब तुर्की की सीमाओं से बाहर भी साफ़ तौर पर दिखने लगी है. सीरिया की नई सरकार ने शरिया को अपने क़ानूनों की बुनियाद बना लिया है, ठीक वैसे ही जैसे एर्दोआन अपने देश में चाहते हैं.