मोदी सरकार ने पिछड़ों के उप-वर्गीकरण के बारे में सिफ़ारिशें करने के लिए गठित जस्टिस रोहिणी आयोग को जो अंतिम समय सीमा दी थी उसके दो साल बाद भी भारत के पिछड़े वर्ग उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, और भाजपा की हिचक रहस्यमय बनी हुई है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी दो साल दूर हैं लेकिन मायावती के प्रियंका गांधी को निशाना बनाने से यही लगता है कि कांग्रेस नेता राजनीतिक तौर पर कुछ तो सही कर रही हैं.
देश की कोयला खदानों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने के ऐलान के बाद क्लीन एनर्जी, खासकर सौर ऊर्जा पर भारत की प्रतिबद्धता को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.
मुझे दो सप्ताह पहले टेस्ट में कोविड-19 पॉजिटिव होने का पता चला. एक देश के तौर पर हम हालात को अवश्य पलटेंगे, बशर्ते कि हम ज़मीनी डेटा को लेकर सतर्क रहें, और कार्यान्वयन के अपने प्रयासों को बढ़ाएं.
यूपी सरकार महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, कन्या शिक्षा, नेतृत्व संवर्धन तथा सामाजिक सशक्तिकरण के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है ताकि एक ऐसे परिवेश का निर्माण किया जा सके जिसमें महिलाएं अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सकें.
आज के भारत के जिस नक्शे में पूरे अक्साई चीन को भारतीय क्षेत्र दिखाया गया है वह सबसे पहले 1950 के दशक में नेहरू के आदेश पर बनाया गया था. चीन के पास इस दावे का कोई ठोस ऐतिहासिक आधार नहीं था.
मोदी सरकार ही पंतजलि से कोरोनिल को कोविड की 'दवा' के तौर पर प्रचारित न करने का निर्देश दे चुकी है लेकिन भ्रामक हैशटैग रोकने या स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रचार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कुछ खास नहीं किया है.
चीन की तमाम फौजी तैयारी और जमावड़ा बल प्रयोग की कूटनीति का हिस्सा हो तो भी भारत को यही मान कर चलना चलना चाहिए कि जंग का खतरा वास्तविक है और उसे इसके लिए तैयार रहना है.
जानकारी को इंटेलिजेंस में बदलने के लिए, निर्णय लेने वाले सूत्रों की तरफ से, कुछ पुष्टिकरण की ज़रूरत होती है. एक ऐसे देश के मामले में, जिसका अपारदर्शिता में कोई सानी नहीं है, ये काम असंभव नहीं, लेकिन मुश्किल ज़रूर है.
स्पष्ट कारणों से, अगर भारत को जानबूझकर पाकिस्तान में लाखों लोगों पर सूखा डालने वाला माना जाता है, तो अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करना ज़रा मुश्किल होगा.