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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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युवा नेताओं के साथ कांग्रेस का 1970 वाला बर्ताव नहीं चलेगा, भाजपा से ली जा सकती है सीख

सत्ता को लेकर भाजपा की लालसा खतरनाक लेकिन प्रेरणादायी भी है. यही वजह है कि इसके आलोचक भी राजस्थान संकट के मामले में खुद को बेवकूफ बनाने के लिए कांग्रेस की आलोचना करने के सिवाय कुछ नहीं कर सकते.

पायलट की बगावत से राजस्थान में छिड़ी सिंधिया बनाम सिंधिया और राजे बनाम भाजपा की शाही जंग

ज्योतिरादित्य सिंधिया तो भाजपा का ‘एजेंडा’ आगे बढ़ा रहे हैं मगर वसुंधरा राजे के विरोधी पार्टी में उनकी ही छवि खराब करने की ताक में जुटे हैं.

भारत में ऑनलाइन क्लास विकलांग बच्चों की जरूरतों को पूरा नहीं करती, कोविड ने इस स्थिति को बदतर बनाया है

विकलांग बच्चों के लिए शिक्षा में ज्यादातर सुलभता पर ध्यान दिया जाता है और समावेश के विषय की आमतौर पर अनदेखी की जाती है. कोविड-19 इस स्थिति को बदलने का अवसर साबित हो सकता है.

डिप्टी सीएम होकर भी दुष्यंत चौटाला ने राजनीति में खुद को स्थापित किया है, क्या ये सब सचिन पायलट देख रहे हैं

दुष्यंत चौटाला ने राज्य में कुछ ही समय में जाटों के गुस्से को शांत किया और जनता के सामने एक सक्षम प्रशासक के रूप में तेजी से अपनी पहचान बनाई है.

डिजिटल मीडिया ने बेजुबानों को आवाज दी, लेकिन यहां भी पुराने मठाधीशों का ही कब्जा है

सोशल मीडिया के बारे में अगर किसी को ये भ्रम है कि यहां हर किसी को अपनी बात कहने का समान मौका है तो ये एक भ्रम है. सोशल मीडिया अपने यूजर्स के बीच ऊंच और नीच का भेद पैदा करता है.

विदेश नीति में पूर्वाग्रह और चुनावी सियासत–क्या मोदी सरकार को ‘स्ट्रैटिजिकली’ भारी पड़ रही है

रणनीति तय करने में मोदी सरकार ऐतिहासिक पूर्वाग्रहों और भाजपा की चुनावी राजनीति की गिरफ्त से मुक्त नहीं हो पाती, जबकि लद्दाख संकट साफ संकेत दे रहा है कि उसे आत्मविश्लेषण करने, जमीनी हकीकत को समझने और अपनी नीति में सुधार करने की जरूरत है.

भाजपा के लिए कांग्रेस शासित राज्यों में सत्ता छीनना इतना महत्वपूर्ण क्यों है

वित्तीय हकीकत यह है कि ज्यादा सरकारी पैसा राज्यों के हाथों में होता है, केंद्र के नहीं. इसलिए 15-20 विधायकों को खरीदकर विधानसभा में अपना पलड़ा भारी करने के लिए 400 करोड़ तक खर्च करना बड़ी लड़ाई के लिए खजाना बनाने के लिहाज से कोई बड़ी कीमत नहीं है.

विश्व बाजार में प्राकृतिक उपचार की मांग पूरा करने के लिए भारत को आयुर्वेद को रेगुलेट करना पड़ेगा

अगर भारत में निगरानी और नियमन की कारगर व्यवस्था बनाई जा सके तो भारत जड़ी-बूटी से बनने वाली पारंपरिक दवाइयों का बड़ा उत्पादक और निर्यातक बन सकता है.

सचिन पायलट हेमंत बिस्व सरमा नहीं हैं, कांग्रेस का हर बागी भाजपा के लिए चुनाव नहीं जीत सकता

सचिन पायलट के भाजपा में शामिल होने से इनकार को शपथ लेकर की गई दृढ़ प्रतिज्ञा नहीं माना जा सकता. राजस्थान में बदलते घटनाक्रम के बीच बहुत कुछ चौंकाने वाला सामने आ सकता है.

भारत में पूंजीवाद की सफलता के लिए जरूरी है सबके लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम

पूंजीवादी देशों में सोशल सिक्योरिटी पर काफी ध्यान दिया जाता है और ये माना जाता है कि पूंजीवादी शासन का मतलब लोककल्याणकारी राज्य की विदाई नहीं है. लेकिन भारत में इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा है

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तुर्किये हर दिन पाकिस्तान बनता जा रहा है — ईशनिंदा को लेकर जुनूनी और नफ़रत में कैद किया जा रहा है

एर्दोआन की सोच अब तुर्की की सीमाओं से बाहर भी साफ़ तौर पर दिखने लगी है. सीरिया की नई सरकार ने शरिया को अपने क़ानूनों की बुनियाद बना लिया है, ठीक वैसे ही जैसे एर्दोआन अपने देश में चाहते हैं.

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कानपुर में जानलेवा हमले के चश्मदीद गवाह की अपहरण करके हत्या

कानपुर (उप्र), चार जुलाई (भाषा) कानपुर जिले में एक व्यक्ति पर जानलेवा हमले के मामले के चश्मदीद गवाह की कथित तौर पर अपहरण...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.