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Wednesday, 26 June, 2024
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अखिलेश यादव की सियासत ख़ामोश हो गई है, ‘यूपी का लड़का’ सुर्ख़ियों में आना चाहिए

अखिलेश यादव बिल्कुल ग़ायब हो गए हैं. कहीं ज़्यादा अस्थिर और ग़ायब होने वाले राहुल गांधी भी, मोदी के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाए हुए हैं.

सोनिया गांधी ने अपने बेटे के नाकाम सिपाहियों को आगे बढ़ाकर कैसे कांग्रेस को कमज़ोर किया है

कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक फेरबदल में गांधी परिवार की राजनीतिक सूझबूझ और रणनीतिक परिपक्वता की झलक पाने की कोशिश बेमानी ही है.

भाजपा को पता है नीतीश कुमार काफी नहीं, इसीलिए बिहार में सुशांत सिंह राजपूत को अदृश्य सहयोगी बनाया

नीतीश कुमार के पास प्रचार अभियान के लिए अपने कार्यकाल की तुलना राजद के 'जंगल राज' से करने की देखी-परखी राजनीतिक पिच थी लेकिन तभी कोरोनावायरस आ गया, जिसने उनके सुशासन की पोल खोलकर रख दी.

हिंदी अब ज्ञान की भाषा नहीं रही, स्तरहीनता के साम्राज्य ने इसकी आत्मा को कुचल दिया है

हिंदी दिवस के अवसर पर आइए विचार करें कि कुछ ही दशकों में हिंदी किस ऊंचाई से गिरी है.

कंगना झांसी की रानी नहीं बन सकतीं क्योंकि उनका साथ देने के लिए कोई झलकारी बाई नहीं है 

कंगना रानौत को फिल्म मणिकर्णिका को दोबारा देखना चाहिए, खासकर लगभग 5 मिनट के उन सीन को जब पर्दे पर झलकारी बाई आती हैं, जो झांसी की सेना के कमांडरों में से एक थीं.

मोदी अगले सप्ताह 70 के हो जायेंगे, एक बेहतर विरासत छोड़ कर जाने का समय निकलता जा रहा है

अधिकतर ताकतवर नेता विरासत में कमजोर अर्थव्यवस्था छोड़ जाने के लिए ही जाने जाते रहे हैं. मोदी चाहें तो इस जमात में गिने जाने से बच सकते हैं, लेकिन चुनौतियां उनके लिए बढ़ती जा रही हैं.

भारत तीन संकटों से जूझ रहा है, इस समय क्यों मोदी को देश में बांटने की राजनीति से पल्ला झाड़ लेना चाहिए

भारत आज कई गंभीर, आपस में जटिलता से उलझे हुए संकटों का सामना कर रह है, उसे राजनीतिक जमीन तथा भरोसे की जरूरत है, और यह मोदी और उनकी सरकार के ऊपर है कि वह इसे बनाने की ज़िम्मेदारी किस तरह निभाती है.

सत्ताधीशों के दामादों से अलग थे फिरोज गांधी, ससुर नेहरू की नाक में कर रखा था दम

अपने जीते जी फिरोज ने न खुद को किसी कुल, गोत्र, वंश या पार्टी के खांचे में फिट किया, न ही उनकी राजनीति की. अपने उसूलों व नैतिकताओं की ही फिक्र करते रहे.

स्वामी विवेकानंद के सिर्फ 5 शब्दों और 6 भाषणों ने, भारत को कैसे विश्व विजेता बनाया

आज भी जब विश्व सम्प्रदायों और पंथो में बंटा हुआ है, अपनी मान्यताओं को दूसरों पर थोपने का प्रचलन चल रहा है.इस दौर में स्वामीजी का यह विश्व बंधुत्व का संदेश सबके लिए एक मार्ग है, जो विश्व के कल्याण की बात करता है, सभी को स्वीकार करने की प्रेरणा देता है.

‘अजेय चीन’ के मिथक को लद्दाख में तोड़ रहा है भारत, पेंटागन को भी यही करना चाहिए

उल्लेखनीय है कि सोवियत संघ के विघटन के दौर में भी पेंटागन की 1989 की रिपोर्ट उसकी ताकत का बखान कर रही थी. चीन की 'बढ़ती' शक्ति की बात खुद उसकी छेड़ी हुई है.

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मोदी की बदली दुनिया : लोकतंत्र से जुड़ी खीझें और राहुल के साथ चाय पीने की मजबूरी

मोदी सरकार की तीसरी पारी में बदली हुई वास्तविकता उस पुराने सामान्य दौर की वापसी होगी, जब बहुमत वाली सरकारों को भी बेहिसाब बहुचर्चित बगावतों का बराबर सामना करना पड़ता था.

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ठाणे में बिजली गिरने से दंपत्ति घायल और पांच मवेशियों की मौत

ठाणे, 26 जून (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भारी बारिश के बाद एक गांव में बिजली गिरने से एक दंपत्ति घायल हो...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.