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Saturday, 29 June, 2024
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योगी आदित्यनाथ सरकार का ऑपरेशन दुराचारी भी एंटी-रोमियो स्क्वॉड की ही तरह एक खराब फैसला है

इसे भले ही योगी आदित्यनाथ का मास्टरस्ट्रोक कहें लेकिन इसका केंद्रीय सिद्धांत 'पब्लिक शेमिंग' ही लग रहा है. पब्लिक शेमिंग एक तरह से खतरनाक 'स्वयं घोषित रक्षक' पैदा करती है जो धीरे-धीरे कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार कर देते हैं.

मोदी अगर सच्चे सुधारक हैं तो वे वोडाफोन के प्रेत को दफन करेंगे और बिहार के चुनाव प्रचार में आर्थिक सुधारों को मुद्दा बनाएंगे

हम देख चुके हैं कि चुनावों में आर्थिक सुधारों और वृद्धि आदि की बात करने का क्या हश्र होता है, खासकर तब जब आप दोबारा सत्ता में आने के लिए लड़ रहे हों, इसलिए बिहार के इस अहम चुनाव में कोई ‘पंगा’ न लेना ही मोदी को मुफीद नज़र आएगा.

मनमोहन सिंह की अर्थ नीति में चीन से बहुत पीछे कैसे छूट गया भारत

चीन इस समय वैश्विक आर्थिक ताकतों में से एक है. प्रति व्यक्ति आमदनी में वह संपन्न देशों के बराबर है, वहीं विनिर्माण में सबसे आगे निकल चुका है. वहीं 1990 तक करीब हर मोर्चे पर चीन से आगे रहा भारत अब उससे बहुत पीछे छूट चुका .

बिहार चुनाव में सीधे जीतना भाजपा के लिए मुश्किल, लेकिन हारने के बाद जीतना आसान है

किसान विरोधी बिल, मजदूर विरोधी बिल, सीएए-एनआरसी, गिरती जीडीपी, बिहार में बाढ़ की बदहाली, रोजगार के अभाव जैसी परिस्थितियों में बिहार में भाजपा-एनडीए बहुमत पाना भले ही मुश्किल हो, लेकिन चुनाव बाद अन्य दलों के विधायकों को अपनी तरफ खींचना उसके लिए काफी आसान हो सकता है.

दीनदयाल उपाध्याय की हत्या किसने की? ये एक 50 साल पुराना सवाल है

भारतीय जनसंघ के प्रमुख दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत को पांच दशक से अधिक समय बीच चुका है लेकिन अभी तक इस बात का जवाब नहीं मिल सका है कि उनकी हत्या किसने और क्यों की.

चीन मसले पर राजनाथ सिंह की परफॉर्मेंस दर्शाती है कि मोदी और शाह को उनकी जरूरत क्यों है

लद्दाख में चीनी आक्रामकता के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने संसद में जो कर दिखाया, वह शायद मोदी सरकार का कोई और मंत्री, यहां तक कि अमित शाह भी नहीं कर पाते.

मोदी सरकार के कार्यकाल में किसानों का विरोध प्रदर्शन 700% बढ़ा – इसी का नतीजा हैं 3 कृषि विधेयक

किसान 2014 से पहले ज़्यादातर, राज्य या स्थानीय स्तर पर, छोटे विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. मोदी सरकार का अपने वादे पर निष्क्रिय बने रहने से उनका आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ.

पीएलए की नज़र 1959 की क्लेम लाइन पर है, मोदी और शी उसको नज़र अंदाज़ कर सर्दी से पहले शांति बहाल कर सकते हैं

1959 में किए गए दावे के अनुसार जो ‘क्लेम लाइन’ है वह अक्साइ चीन के अलावा चीनी सेना ‘पीएलए’ द्वारा 1962 के युद्ध से पहले और उसके दौरान कब्जा किए गए क्षेत्रों के मामले में भारत के लिए सभी सामरिक विकल्प समाप्त करती है.

क्या वो 18 की है? पाकिस्तानी क़ानून कैसे नाबालिग़ों के जबरन धर्मांतरण को क़ानूनी जामा पहना देता है

अगर आपका अपहरणकर्ता–पति कहता है कि आप 18 की हैं, या आपका पहला पीरियड हो चुका है, तो पाकिस्तान में नौजवान लड़कियों के अपहरण-धर्मांतरण को लेकर, फिर और सवाल नहीं पूछे जाते.

कपिला वात्स्यायन के निधन ने साबित किया है कि संस्कृति की असल पहचान से ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवादी’ कितने दूर हैं

सांस्कृतिक राष्ट्रवादियों की दृष्टि अपनी पार्टी का प्रचार, पार्टी नेताओं की पूजा-आरती और दूसरों की निंदा से आगे कभी नहीं जा सकी. यदि वे धर्म और संस्कृति को सर्वोपरि समझते तो उनका रिकॉर्ड बहुत भिन्न रहा होता.

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ओवैसी भारतीय मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करते, ‘जय फिलिस्तीन’ कहना उनकी हताशा को दिखाता है, न कि दृढ़ संकल्प को

ओवैसी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण करने में विफल रहे और इस नारे के साथ फिर से कोशिश कर रहे हैं. नूपुर शर्मा ने उनके झांसे में आ गईं, लेकिन उंगली उठाने से पहले उन्हें आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है.

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कांग्रेस ने अडाणी समूह से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को उस खबर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा जिसमें कहा गया है...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.