मोदी-शाह की भाजपा ने पंजाब और सिखों को सम्मानित साझीदार मानने की जगह उनका कृपालु बड़ा भाई बनने की जो कोशिश की, और कृषि कानूनों के मामले में जो रणनीति अपनाई उस सबने चुनौतियां पसंद करने वाले सिखों को संघर्ष करने का अच्छा बहाना थमा दिया.
ऐसे समय में जब केंद्रीय नेतृत्व बुरी तरह नाकाम साबित हो रहा हो, कांग्रेस के लिए खुद को दोबारा प्रासंगिक बनाने का एकमात्र रास्ता है मज़बूती से जमे अपने क्षेत्रीय नेताओं के सहारे राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ाना.
मोदी के भारत में एक नयी फतह का परचम लहराया जा रहा है, यह हिंदू महिलाओं पर मुस्लिम मर्दों की फतह का परचम है; तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नज़रों से यह कैसे बच सकता है.
2023 तक यमुना को प्रदूषण मुक्त करने का दावा सिर्फ गोल पोस्ट शिफ्ट करने जैसा मामला है. इस समय यमुना एक्शन प्लान तृतीय चल रहा है, यमुना एक्शन प्लान प्रथम यानी 1993 से यह तमाशा जारी है, यमुना तारीखों में बह रही है.
लक्ष्य यह होना चाहिए कि निकट भविष्य में जो क्षेत्र ग्लोबल आर्थिक वृद्धि में अधिक योगदान देने वाला है उस क्षेत्र से बाहर हो जाने से बचा जाए, इसलिए ‘आरसीईपी’ से अलग रहने का मोदी सरकार का फैसला आगे चलकर भारी भूल साबित हो सकता है.
योगेंद्र यादव को डर है कि अगर मुसलमान किसी मुसलमान की अगुवाई वाली पार्टी को वोट देने लगे तो फिर सेक्यूलर मोर्चे सिर्फ अलग-अलग जातियों के नुमाइंदे बनकर रह जाएंगे.
पाकिस्तान की कट्टरपंथी इस्लामी सियासत का चेहरा माने जाने वाले मौलाना खादिम हुसैन रिज़वी की अचानक मौत के बावजूद मजहबी कट्टरपंथ के प्रति लोगों का व्यापक आकर्षण खत्म नहीं होने वाला है.
मेरा आकलन यह है कि भारतीय सेना उभरती टेक्नोलॉजी को पूर्ण परिवर्तन की खातिर नहीं बल्कि चरणबद्ध बदलाव के लिए अपना रही है, जबकि पूर्ण परिवर्तन वक़्त की मांग है