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Tuesday, 23 December, 2025
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बढ़ती महंगाई और गेहूं-दूध की बढ़ती कीमतें, क्यों RBI के बढ़ते रेपो रेट पर रोक लगने की कम है संभावना

बाजार को 25 बेसिस अंकों की वृद्धि के चक्र पर विराम लगने की उम्मेद थी मगर रिजर्व बैंक ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया दूसरे देशों में भी केंद्रीय बैंक मुद्रा के मामले में कंजूसी बरत रहे हैं 

गलत आचरण को लेकर सेना के कानून को समय के अनुसार बदलने की जरूरत

धारा 45 और 63 यौन दुराचार के मामलों से निबटने के लिहाज से काफी अस्पपष्ट और अपर्याप्त हैं. ये धाराएं, और कोर्ट मार्शल की कमजोर कानूनी प्रक्रियाएं ऐसी हैं कि उनके मामले एएफटी या ऊंची अदालतों की जांच में विफल हो जाते हैं.

अडाणी पर रिपोर्ट के साथ हिंडनबर्ग ने बताई अपने फायदे की बात, इसे ‘संदिग्ध’ कहकर खारिज नहीं कर सकते

अडानी समूह के पास रिपोर्ट को खारिज करने का अवसर था. लेकन ठीक से स्पष्टीकरण न दे पाने से सिद्ध होता है कि वे हिंडनबर्ग के निष्कर्षों की सत्यता की पुष्टि करने में विफल रहे.

BSF की शूट-टू-किल पॉलिसी गाय तस्करों को नहीं रोक सकती, व्यापार के लिए कानून की जरूरत है

जिहादी आतंकवाद को कुचलने में शेख हसीना की सरकार की सफलता की भारत को और अधिक सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

शिक्षा ही आगे का रास्ता है लेकिन SC/ST/OBC वर्ग के छात्र मेरिट के जाल में फंसे हुए हैं

ये चर्चाएं संसाधनों के समान वितरण पर जाकर खत्म होती हैं. बहुजन संगठन इसे बदलना चाहते हैं.

चीन-अमेरिका के बीच बलून वॉर खेमेबाजी को उजागर करती है लेकिन भारत इस तनाव को कम कर सकता है

इतिहास के परिप्रेक्ष्य में देखें, तो दुनिया फिर अपने पुराने ढर्रे पर लौट आई है, और इस बार सिर्फ उसके कर्ताधर्ता बदल गए हैं. इसमें शक्ति-प्रदर्शन के विभिन्न रूप शामिल हैं

CM योगी और अखिलेश के अपने-अपने दावे, क्या लोकसभा चुनाव में UP में ‘चमत्कार’ होगा

सीएम योगी आदित्यानाथ उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें जीतने तो अखिलेश यादव दलित, महिलाओं, पिछड़ों और मुसलमानों के दम पर भाजपा के शासन की अंत की बात कर रहे हैं.

सरकार आसान इनकम टैक्स की व्यवस्था लाने की कोशिश कर रही है लेकिन एक बुनियादी जटिलता बनी हुई है

एक अस्पताल में नौकरी करने वाला और सैलरी पाने वाला डॉक्टर और एक खुद की प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर के लिए अलग-अलग प्रावधान क्यों है? यही सवाल हर दूसरे पेशे के लिए है.

मोदी लहर में टिके रहे तेजस्वी, कहां चूक गए अखिलेश यादव

अगर अखिलेश यादव सपा को सामाजिक न्याय के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं तो उन्हें नई शुरुआत करनी होगी. उनकी पार्टी के पिछले काम और विरासत से उन्हें कोई रास्ता नहीं मिलेगा.

मकान मालकिन, साहूकार से लेकर व्यापारी तक: भारत की इन बौद्ध ननों के बारे में आपने नहीं सुना होगा

बौद्ध महिलाओं की आवाज हमारे बीच से खो गई है. लेकिन नए शोध से पता चलता है कि व्यावसायिक और धार्मिक तौर पर वो काफी समृद्ध थीं और उन्होंने बौद्ध संघ की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया. 

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नड्डा के बाद नितिन नबीन ही क्यों? PM मोदी के फैसले के पीछे कई दलीलें, मगर असली कारण एक

धर्मेंद्र प्रधान से लेकर भूपेंद्र यादव और शिवराज सिंह चौहान तक, जब पार्टी के टॉप पद के लिए किसी ऑर्गनाइज़ेशनल व्यक्ति को चुनने की बात आई, तो पीएम नरेंद्र मोदी के पास कई विकल्प थे.

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प्रधान न्यायाधीश ने युवा वकीलों से राष्ट्र निर्माता बनने का आग्रह किया

पटियाला (पंजाब), 23 दिसंबर (भाषा) प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने मंगलवार को युवा वकीलों से कहा कि वे खुद को केवल ‘‘मामलों के निर्माता’’ के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.