भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तो यहां तक दावा किया के शाहीन बाग में औरतें पांच पांच सौ रुपये लेकर बैठ रही हैं. इस बात के बाद इन औरतों को लेकर एक से बढ़कर एक सेक्सिस्ट मीम बने.
वॉट्सऐप ग्रुप्स पर गृहमंत्री की ऐसी छवि उभरती है जैसे वो प्राचीनकाल के कोई राजा हों जो विश्व जीतने के लिए निकला है. उसके लिए युवाओं का एक ही उपयोग है- सेना में शामिल हो जाना.
जेएनयू मुक्त विचारधारा के लिए जाना जाता रहा है. जब लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी जेएनयू में पढ़ते थे तब उन्होंने इंदिरा गांधी का कैंपस में विरोध किया था.
गौरतलब है कि पिछले दिनों अमित शाह ने एक कार्यक्रम में बिल्कुल प्राचीन इतिहास के नायकों की तरह कहा था कि औरतों की ‘इज्जत’ के लिए युद्ध भी करना पड़े तो करेंगे.
सोशल मीडिया में राजस्थान से प्री-वेडिंग शूट का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सब इंसपेक्टर धर्मपाल सिंह अपनी होनेवाली बीवी के साथ फिल्मी रोमांस करते नज़र आ रहे हैं.
समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता ऐसे शब्द हैं जिन्हें भाजपा नेता न पूरी तरह अपनाना चाहते हैं और न ही खुले तौर पर नकार पा रहे हैं. इसी उलझन की वजह से पार्टी अब इन विचारों का अपना मतलब गढ़ने की कोशिश कर रही है और वह भी थोड़े अटपटे और बेतुके तरीके से.