अगर दिल्ली के स्कूली लड़के इंस्टाग्राम पर निजी चैट्स में माइनर लड़कियों के साथ बलात्कार की योजना बनाते हैं, तो राजनीतिक दलों के आईटी सेल सार्वजनिक रूप से ट्विटर और फेसबुक पर महिलाओं को धमकी देते हैं.
जिंदगी केवल एक बार किसी महामारी के दौरान बच निकलने के बारे में ही नहीं है. इसके मायने उससे भी अधिक हैं. ये कला, साहित्य, सिनेमा और सबसे महत्वपूर्ण हर तबके के लोगों से जुड़ने के बारे में भी है.
आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर जडेजा की क्लिप को एक लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा जाना इस बात को दर्शाता है कि हम आंबेडकर के जातिविहीन समाज के सपने से बहुत दूर खड़े हैं.
जब पुलिस गरीबों की मदद नहीं कर रही होती है या यूपी पुलिस की तरह मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए चलाई गई फेक खबरों का खंडन नहीं कर रही होती तो वो ग्राउंड पर गानें गाती हुई दिखाई देती है.
भारतीय राजनीतिक में सियासी परिवारों की विरासत देखकर लगता है कि यहां इन परिवारों से संबंध रखने वाले नेता ही युवा कहला सकते हैं, फिर वो चाहे 40 साल के हों या फिर 50 के.
मरी हुई यमुना में शुद्ध जल बहने लगा है और गरीबी को एक दीवार में चुन दिया गया है. एक सप्ताह के अंदर इतिहास, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज पर ऐसा नियंत्रण किसी देश ने किया होगा क्या?
चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने महिला मुद्दों को लेकर संवेदनशील पार्टी की छवि पेश करने की कोशिशें की थीं. चाहे बात मेट्रो में महिलाओं की फ्री यात्रा के प्रस्ताव की हो या फिर बसों में महिलाओं का किराया माफ करने की.
ममदानी की मान्यताएं, गज़ा के लिए उनका समर्थन, मोदी या नेतन्याहू के प्रति उनकी नापसंद आदि की वजह से भारत में कई लोग उनके उत्कर्ष को एक और ‘भारतीय विजय’ के रूप में नहीं मना सकते हैं.